सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 11 जिलों में फिर आज से लॉकडाउन चल रहा है.लेकिन कोरोना के संक्रमण की रफ़्तार धीमी होने का नाम नहीं ले रहा. कोरोना संक्रमितों (Corona infected) की बढ़ती संख्या 14000 के पार पहुंच गई है.जांच की पूरी व्यवस्था व सही तरीके से इलाज नहीं होने के मामले पर पटना हाइकोर्ट (patna high court) ने सुनवाई करते हुए केंद्र व राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. दिनेश सिंह की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ने लगी है. पटना समेत कई जिलों में स्थिति बिगड़ने के बाद लॉकडाउन लगाया गया.राज्य सरकार ने कॅरोना मरीजों के व्यापक जांच की व्यवस्था नहीं की. साथ ही सरकारी अस्पतालों में इलाज की पूरी व्यवस्था नहीं की गई है.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से कहा कि एक ओर जहां डॉक्टर, नर्सेज और स्वास्थ्यकर्मियों की पर्याप्त संख्या नहीं है, वहीं बेड, वेंटिलेटर, दवाओं व अन्य मेडिकल सामग्रियों की भी कमी है. अधिवक्ता ने यह भी बताया कि कोरोना संक्रमित के शवों को गंगा नदी में फेंक दिया जाता है. इस मामले पर अगली सुनवाई 24 जुलाई को की जाएगी.गौरतलब है कि शुक्रवार के अपराह्न 3 बजे तक बिहार में 352 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई. इसके साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 14330 पहुंच गया. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक नए मिले 352 मामलों में भागलपुर से सबसे अधिक 84 मामले मिले हैं तो वहीं पटना से 73 मामले मिले हैं.
गौरतलब है कि बिहार के पटना जिले में अब तक 1384 कोरोना संक्रमितों की पहचान हो चुकी है.बेगूसराय में 595, भागलपुर में 693, मधुबनी में 553 तथा सीवान 529 मरीज पाए गए हैं. इसके अलावा अन्य जिलों में भी संक्रमित मरीज हैं. बिहार में अब तक 2,75,554 नमूनों की जांच की जा चुकी है और कोरोना वायरस संक्रमित 9,792 मरीज ठीक हुए हैं. जबकि 109 लोगों की मौत हो चुकी है.अब देखना ये है कि एक सप्ताह के लॉकडाउन का क्या असर कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर पड़ता है.अगर ये नियंत्रित नहीं हुआ तो फिर एकबार लम्बे समय के लिए लॉक डाउन में जाना पड़ेगा.
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