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बिहार के ईन 4 शहरों में कोरोना का ज्यादा खतरा, केंद्र सरकार की स्पेशल टीम तैनात.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में कोरोना का संक्रमण बेलगाम रफ़्तार से लगातार बढ़ता जा रहा है. कोविड-19 के प्रकोप से अब तक 5400 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. देश के कई राज्यों में भी हालत बिगड़ते नजर आ रहे हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ग्रुप ऑफ़ मिनिस्टर्स की बैठक हुई. इस मीटिंग में कोविड-19 पर काबू पाने के उपायों की समीक्षा की गई. केंद्र सरकार की ओर से 15 राज्यों के 50 शहरों में तीन सदस्यीय स्पेशल टीम भेजने का फैसला किया गया.

बिहार के 4 शहरों में कोरोना के खतरे की आशंका जताई गई है. केंद्र सरकार ने कटिहार, दरभंगा, औरंगाबाद और मधेपुरा में केंद्रीय टीम तैनात करने का निर्णय लिया है. जीओएम की बबैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि बुनियादी चिकित्‍सा सुविधाओं को मजबूत करने की कवायद तेज कर दी गई है. अब तक 167883 आइसोलेशन बेड, 21614 आईसीयूबेड और 73469 ऑक्‍सीजन सपोर्टेड बेड सहित 958 समर्पित कोविड अस्पतालों की उपलब्धता के साथ कोविड से संबंधित बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया गया है.

बिहार में कई ऐसे जिले हैं, जहां कोरोना के सैकड़ों मामले सक्रीय हैं. कटिहार में 174, दरभंगा में 135, औरंगाबाद में 88 और मधेपुरा में 115 मामले सामने आ चुके हैं. इन इलाकों में कोरोना के फैलाव की आशंका जताई जा रही है. इसलिए केंद्र सरकार ने इन इलाकों में विशेष मॉनिटरिंग के लिए तीन सदस्यीय स्पेशल टीम तैनात करने का निर्णय लिया है. इस टीम में दो पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट और संयुक्त सचिव के स्तर के एक नोडल अफसर होंगे. ये टीमें राज्य सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर क्षेत्र में काम करेंगी.

केंद्र सरकार ने बताया कि ये टीमें कॉर्डिनेशन के साथ ग्राउंड में काम करेंगी. कोरोना जांच में कमी या इसकी धीमी रफ़्तार, टेस्ट/मिलियन समेत कई बिंदुओं पर फोकस करेंगी. इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण काम ये रहेगा कि आने वाले 2 महीनों में इन इलाकों में मरीजों की बढ़ती तादाद, डबलिंग रेट, मरने वालों की संख्या और संसाधनों की कमी पर विशेष फोकस होगा.

जीओएमके अध्‍यक्ष डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अब ज‍बकि हम अनलॉक-1.0 चरण में प्रवेश कर चुके हैं, जिसके तहत पाबंदियों में ढील दी गई है. हमें कोविड के अनुरूप अपने व्यवहार में और अधिक अनुशासित होने की आवश्यकता है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया जा सके. सभी सार्वजनिक स्थानों पर मास्क और फेस कवर का उपयोग होना चाहिए. उन्होंने दृढ़ता से दोहराया कि संतुष्टि की कोई गुंजाइश नहीं है.

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