सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना महामारी के दौर में मौत के आंकड़ों में कोई कमी नहीं आ रही है. अस्पतालों में दम तोड़ती जिन्दगी के पीछे कई कारण भी सामने आते हैं. इतना ही मरीजों को मार डालने का आरोप अस्पताल प्रबंधन पर लगता है. कुछ ऐसा ही मामला इस बार पाटलिपुत्रा स्थित CNS अस्पताल से सामने आया है. जहां एक कोरोना पीड़ित महिला की मौत अचानक हो जाती है, और बताया जाता है कि उन्हें बचाने में असफल रहे, हार्ट अटैक की वजह से उनकी मौत हो गई.
जिसके बाद परिजन ने अस्पताल प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी मौत बीमारी से नहीं बल्कि हत्या कर दी गई. मामला 3 मई का है. पटना के पाटलिपुत्रा में रहने वाले विपिन शर्मा की पत्नी रूबी शर्मा कोरोना पॉजिटिव हो गई. जिसके बाद उनका घर पर ही ईलाज चल रहा है. लेकिन अचानक से रूबी शर्मा का ऑक्सीजन लेवल 94 पहुंच गया. जिसके बाद बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए पाटलिपुत्रा स्थित मशहूर सीएनएस हॉस्पिटल में भर्ती किया गया.
विपिन शर्मा ने बातया कि उनकी पत्नी को सीरियस बता कर उसे एडमिट किया गया. परिजनों को मरीज से मिलने की कोई इजाजत नहीं थी. जिसके बाद रूबी शर्मा का ईलाज शुरू हुआ. लेकिन 3 तारीख की रात को अचानक विपिन शर्मा को फोन आता है कि उनकी पत्नी नहीं रही. इस मौत के पीछे हार्ट अटैक का कारण बताया गया. डॉक्टर ने बताया कि उन्हें दो बार हार्ट अटैक आया, जिस वजह से उन्हें बचाया नहीं जा सका. लेकिन पति विपिन शर्मा का आरोप है कि उनकी पत्नी की हत्या की गई है. उनका कहना है कि जब ऑक्सिजन लेवल 94 था तो अचानक से हार्ट अटैक कैसे हो गया. यही नहीं पति का आरोप है कि उनकी पत्नी को कोई भी हार्ट से जुडी समस्या नहीं थी. इतना ही नहीं जिस दिन पत्नी को भर्ती किया गया था, उनकी स्थिति इतनी भी ख़राब नहीं थी की उसकी मौत हो जाए.
विपिन शर्मा का आरोप है कि पत्नी जब अस्पताल में भर्ती हुई थी तो उस वक्त उसने कई जेवरात पहनी हुई थी. जिसे मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने वापस नहीं किया. उनका कहना है कि मौत के बाद उनसे इलाज के नाम पर मोटी रकम भी वसूली गई है. सुहाग की निशानी जो पत्नी ने पहनी हुई थी, मंगलसूत्र से लाकर पैरों की अंगूठी तब एक भी जेवर वापस नहीं दिया गया. रोते हुए विपिन शर्मा ने कहा कि अस्पताल में दरिंदों के साथ चोर भी हैं. जो हत्या कर मरीजों से उनकी दौलत और गहने तक लूट लेते हैं. इसे लेकर रूबी शर्मा के पति ने पाटलिपुत्र थाना, एसएसपी पटना, सिटी एसपी पटना को सूचना दी लेकिन इतने समय बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला है. जिसके बाद उन्होंने सिटी पोस्ट लाइव से रोते-बिलखते आवाज उठाने की मांग की है.
गौरतलब है कि राजधानी पटना के कई अस्पताल इन दिनों इस तरह की मौतों को लेकर सवालों के घेरे में हैं. आखिर ऐसा कैसा इलाज किया जाता है कि जो मरीज चलकर अस्पताल के भीतर जाता है. उसकी डेथ बॉडी ही बाहर आती है. इतने बड़े अस्पताल में जहां इलाज के नाम पर लाखों रूपये लिए जाते हैं, हजारों रुपए की दवाइयां दी जाती है. इसके बावजूद भी मरीज की जान नहीं बचती है. कई सवाल हैं, जिसका जवाब अस्पताल प्रबंधन के पास नहीं है.
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