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IGIMS में होगा आंख पीड़ितों का इलाज, अस्पताल में बनाया गया 20 बेड नया वार्ड

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सिटी पोस्ट लाइव : मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद ऑपरेशन में लापरवाही के बाद कई लोगों की आंखें चली गई. जिसके बाद सरकार की अब नींद खुली है और उन्होंने सरकारी खर्च पर पीड़ितों का इलाज करने का ऐलान किया है. पटना में आईजीआईएमएस में ऐसे मरीजों का इलाज होगा जिनकी आंखें ऑपरेशन के बाद खराब हो गई हैं. साथ ही मरीजों को भर्ती करने की तैयारी चल रही है. अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए 20 बेड वाला एक अलग वार्ड बनाया है. हालांकि अभी मुजफ्फरपुर से मरीज आईजीआईएमएस नहीं पहुंचे हैं लेकिन उनके उपचार की सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं.

इसके अलावा यदि आंखों को बचाने के लिए मरीजों को बेहतर इलाज के लिए बाहर भेजना पड़ेगा तो उस पर भी आने वाला खर्च प्रदेश सरकार ही वहन करेगी. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को विभाग के अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक के साथ ही विभाग के दूसरे आलाधिकारियों के साथ मुजफ्फरपुर आंख कांड की समीक्षा की.

बता दें आंख निकालने को लेकर सिविल सर्जन ने गुरुवार को ब्रह्मपुरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने चिकित्सीय चूक के कारण मरीजों की आंख की रोशनी चले जाने और आंख निकाले जाने की बात कही है. इसमें अस्पताल ट्रस्ट के सचिव दिलीप जालान व प्रबंधक दीपक कुमार के अलावा ऑपरेशन करने वाले तीन डॉक्टर और 9 चक्षु सहायकों को नामजद आरोपी बनाया गया है. जाहिर है इस चुक की वजह से 15 से ज्यादा मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं जबकि कई लोग संक्रमित हैं.

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