वित्त मंत्री के आर्थिक पैकेज की घोषणाओं का अर्थ-खोदा पहाड, निकला जुमला
सिटी पोस्ट लाइव : कांग्रेस नेता ललन कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना महामारी से निपटने के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को पैकेज की दूसरी किस्त के बारे में विस्तार से बताया। वित्त मंत्री ने पैकेज के अंतरगत आने वाली कई योजनाओं के बारे में बताया। इस बीच, कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से आर्थिक पैकेज से जुड़ी दूसरे दिन की घोषणाओं को लेकर आरोप लगाया कि प्रवासी श्रमिकों को कोई राहत नहीं दी गई और सरकार का व्यवहार अज्ञानता अहंकार और असंवेदनशीलता का मिश्रण है।
ललन कुमार ने कहा कि निर्मला सीतारमण के आर्थिक पैकेज के दूसरे दिन की घोषणाओं का अर्थ-खोदा पहाड, निकला जुमला। वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक पैकेज को लेकर जो उम्मीद जगाईं थीं वो धरी की धरी रह गईं। उन्होंने कहा कि भारत ने नरेंद्र मोदी पर विश्वास किया कि वह आर्थिक पैकेज को लेकर गंभीर हैं। लेकिन वित्त मंत्री की घोषणाओं से सारी उम्मीदें खत्म हो गईं। कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री प्रवासी श्रमिकों से माफी मांगेंगे और गलतियों को सुधारेंगे। लेकिन उन्होंने जले पर नमक छिडक़ने काम किया है।
उन्होंने दावा किया बहुत दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि जिस तरह से सरकार पेश आई वो अज्ञानता, अहंकार और असंवेदनशीलता का मिश्रण है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मुश्किल समय में सरकार 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में सिर्फ 3500 करोड़ रुपये श्रमिकों को दे रही है जो इस आपदा में सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इस वक्त लोगों को अधिक आर्थिक मदद की जरूरत है। 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज नहीं, बल्कि लोन मेला है। उन्होंने कहा कि सरकार को लगता है कि बड़ी-बड़ी बातें करके सवालों से बच जाएगी, लेकिन यह नहीं चलने वाला है।
लोगों को समझ आ रहा है कि सरकार संकट के समय सहायता नहीं कर रही है, बल्कि कर्ज बांट रही है। प्रधानमंत्री ने मनरेगा का मजाक बनाया था, लेकिन आज संकट में मनरेगा ही ग्रामीण भारत में लोगों का मददगार बना है। मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को प्रवासी मजदूरों एवं कुछ अन्य वर्गों के लिए राहत की घोषणाएं की और कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त में प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को लाभ मिलेगा।
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