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सहारा इंडिया के निवेशकों को कब मिलेगा रिफंड?

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सिटी पोस्ट लाइव :पिछले कई सैलून से सहारा इंडिया (Sahara India) के निवेशकों की सांस अटकी हुई है. लाखों निवेशकों को अपने पैसे मिलने का इंतज़ार है.मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) ने 232.85 लाख निवेशकों से 19400.87 करोड़ रुपये और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये जमा किए थे. लेकिन सेबी सहारा के न‍िवेशकों को ब्याज समेत कुल 138.07 करोड़ रुपये ही वापस कर पाया है. बड़ी संख्या में निवेशकों के रुपये अभी भी फंसे हुए हैं. सहारा का कहना है कि वह निवेशकों का पैसा लौटाना चाहती है लेकिन मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने ये पैसे अपने पास रख लिए हैं.

25 दिसंबर 2009 और 4 जनवरी 2010 को सेबी को दो शिकायतें मिलीं थी. इनमें कहा गया कि सहारा की कंपनियां वैकल्पिक पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर (OFCDs) जारी कर रही है और गलत तरीके से धन जुटा रही है. इन शिकायतों से सेबी की शंका सही साबित हुई. इसके बाद सेबी ने इन दोनों कंपनियों की जांच शुरू कर दी. सेबी ने पाया कि SIRECL और SHICL ने ओएफसीडी के जरिए दो से ढाई करोड़ निवेशकों से करीब 24,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं. सेबी ने सहारा की इन दोनों कंपनियों को पैसा जुटाना बंद करने का आदेश दिया था. इसी के साथ ही यह भी कहा कि सहारा निवेशकों को 15 फीसदी ब्याज के साथ उनका पैसा लौटाए.

समय के साथ, सुप्रीम कोर्ट और सेबी दोनों ही इस मामले को मनी लॉन्ड्रिंग की तरह लेने लगे. उन्होंने सहारा इंडिया के बैंक अकाउंट और संपत्ति को फ्रीज करना शुरू कर दिया. सुप्रीम कोर्ट के 2012 के आदेश के मुताबिक सहारा इंडिया ने निवेशकों से जमा की गई 25,781.37 करोड़ की मूल राशि के बदले 31 दिसंबर, 2021 तक ‘सेबी-सहारा रिफंड’ खाते में 15,503.69 करोड़ रुपये जमा किए थे.सरकार की तरफ से पिछले साल यानी 2022 में संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक सेबी को 81.70 करोड़ रुपये की कुल मूल राशि के लिए 53,642 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट/पास बुक से जुड़े 19,644 आवेदन मिले थे. सेबी ने इनमें से 138.07 करोड़ रुपये की कुल राशि 48,326 ओरिजिनल बॉन्ड सर्टिफिकेट/पासबुक वाले 17,526 एलिजिबल बॉन्डहोल्डर्स को रिफंड किया था. इसमें 70.09 करोड़ रुपये मूलधन और 67.98 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल था.

जिन लोगों ने सहारा इंडिया में निवेश किया था। अब वो आज भी चक्कर काटने को मजबूर हैं.लोगों का कहना है कि उन्हें अभी तक रुपये वापस नहीं मिल पाए हैं. जिन लोगों ने पैसे जमा किए उन्हें अभी तक उनके मूलभूत रुपये भी नहीं मिले हैं.र भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा समूह की कंपनी सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (SHIC), उसके प्रमुख सुब्रत राय और अन्य को नोटिस भेजा है. सेबी ने उन्हें 15 दिन के अंदर 6.48 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा है. सेबी ने रुपये जमा नहीं करने पर परिसंपत्तियों और बैंक खातों को जब्त करने की चेतावनी भी दी है.

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