नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने खुले मंच से झारखंड में शराबबंदी की मांग की
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद अब झारखंड से भी इसकी मांग उठनी शुरू हो गई है। राज्य सरकार के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने खुले मंच से झारखंड में शराबबंदी की मांग की। बीते दिन रांची के हातमा बस्ती में जहरीली शराब से सात मौतों के बाद मंत्रीजी गांव में मातमपुर्सी के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ऐसी मौतों का स्थायी समाधान पूर्ण शराबबंदी ही है। उन्होंने मृतक के परिजनों और ग्रामीणों के साथ जनसभा की। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से ही मौत का सिलसिला रुकेगा। उन्होंने ग्रामीणों की सहमति लेते हुए कहा कि इस राज्य में न देसी चलेगी न ही विदेशी। इस मौके पर मंत्री ने मृतकों के परिजनों को हरसंभव मदद का भरोसा भी दिलाया। साथ ही कहा कि इस राज्य में जहरीली शराब पीने से मौत की जिम्मेदारी से सरकार नहीं भाग सकती।यहां अवैध शराब कैसे बनती है, कैसे बिक्री होती है। हर कोई जानता है। इस पर पाबंदी लगाने का काम उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग का है। फिर भी अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठता। हातमा के पाहनटोली में जनसभा के दौरान नगर विकास मंत्री के साथ नगर आयुक्त मनोज कुमार, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, उपनगर आयुक्त संजय कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। जनसभा में जहरीली शराब कांड के शिकार हुए मृतकों के परिजन भी पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि उनके पास श्राद्ध के क्रिया-कर्म के पैसे भी नहीं हैं।
नगर विकास मंत्री ने मृतकों के परिजनों को रविवार को अपने आवास पर आने को कहा। उन्होंने कहा कि वे अपनी जेब से श्राद्ध के लिए पैसे देंगे। जहरीली शराब के शिकार लोगों में वैसे लोग भी थे जो अपने घरों से इकलौते कमाऊ सदस्य थे। मंत्री ने मृतकों के परिजनों को योग्यता के अनुसार नगर निगम और अन्य जगहों पर नौकरी का भरोसा दिया। कहा कि जो सक्षम हैं उन्हें निगम में दैनिक वेतनभोगी के रूप में काम भी दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि राज्य में अब अमीर से अमीर लोग भी लाइन में लगकर शराब खरीदते नजर आ रहे हैं। यह शराबबंदी का संकेत है। आम लोगों की सहमति रही तो जल्द ही राज्य में शराबबंदी कर दी जाएगी। इसके लिए समाज को भी आगे आना पड़ेगा। उनके इस आह्वïान का हातमा के ग्रामीणों पर असर भी होता दिखा और सबने समर्थन में सिर हिलाया।
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