जन अधिकार पार्टी के धरना प्रदर्शन पर अघोषित प्रतिबंध, प्रशासन ने माँगा आधार कार्ड
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार जाप पार्टी के कार्यकर्ताओं के उग्र प्रदर्शन और हिंसा पर अंकुश लगाने के लिए एक अजीबो-गरीब सर्कुलर निकाल दिया है.अब कोई भी जिला का पदाधिकारी पप्पू यादव की पार्टी को धरना-प्रदर्शन करने और जुलुश निकालने की अनुमति देने को तैयार नहीं है.जिला प्रशासन द्वारा ये कहा जा रहा है कि अगर आपको कोई भी धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम करना है या फिर कोई जुलुश निकालना है तो प्रदर्शन में भाग लेनेवाले सभी लोगों का आधार कार्ड प्रशासन को सौंपना होगा.
दरअसल, गोह में सड़क दुर्घटना के बाद लोगों ने थानेपर हमला बोल दिया था.लोगों का आरोप है कि थाने का घेराव करनेवालों के खिलाफ पुलिस ने फर्जी मुक़दमा दर्ज कर दिया है.जाप के संरक्षक पप्पू यादव की पार्टी पुलिस की इस गुंडागर्दी के खिलाफ गोह में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहती है. इस प्रदर्शन के लिए उसे जिला प्रशसन द्वारा अनुमति नहीं दी जा रही है. प्रदेश प्रवक्ता श्याम सुंदर ने कहा कि आतंक बन चुकी गोह पुलिस को बचाने के लिए जिला प्रशासन चाहे जितना भी प्रपंच कर ले उनकी पार्टी प्रदर्शन करेगी . उन्होंने कहा कि अगर जन आक्रोश को दबाने का प्रयास हुआ तो वह बम बनकर फटेगा. उन्होंने कहा कि या लोकतंत्र का हत्यारा है दाउदनगर अनुमंडल पदाधिकारी अनीस अख्तर हैं.उन्होंने कहा कि लोकतंत्र किसी को धरना प्रदर्शन करने से कोई कैसे रोक सकता है.
जाप प्रवक्ता श्याम सुंदर ने कहा कि अनुमंडल पदाधिकारी के तानाशाही रवैये के खिलाफ जन अधिकार पार्टी शुक्रवार को हाईकोर्ट जाएगी. इस अधिकारी का कहना है कि अनुमंडल पदाधिकारी का लिखित नहीं मौखिक आदेश चलता है. मुझे आशंका है कि लोकतंत्र का यह हत्यारा अनुमंडल पदाधिकारी किसी भी क्षण हमारी हत्या करवा सकता है. इस बाबत हमने जिलाधिकारी से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन बातचीत नहीं हो सकी.उन्होंने कहा है कि अनुमंडल पदाधिकारी का तानाशाही रवैया आपातकाल की याद दिला रहा है. अनुमंडल पदाधिकारी का कहना है कि किसी भी प्रदर्शन में सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन नहीं लेगा. आयोजक को सुरक्षा की जिम्मेवारी लेनी होगी, जो गलत है.
जाप के प्रवक्ता ने कहा कि किस कानून के तहत अनुमंडल अधिकारी प्रदर्शन में शामिल होनेवाले सभी लोगों के आधार कार्ड की मांग कर रहे हैं. अगर ऐसा कोई नियम कानून है या फिर सर्कुलर है तो सार्वजनिक करना चाहिए. लेकिन अनुमंडल अधिकारी का कहना है कि मुखे कानून चलता है. उन्होंने कह दिया कि आधार कार्ड चाहिए तो देना ही होगा .उन्होंने सवाल पूछ है कि क्या अबतक जितने भी राजनीतिक दलों के कार्यक्रम होते हैं, उसमे शामिल लोगों के आधार कार्ड प्रशासन ने लिया है.
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