सिटी पोस्ट लाइव : महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव ने AIMIM विधायक के स्टैंड का समर्थन कर दिया है। तेजस्वी यादव ने कह दिया कि भारत बोलने पर किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए। तेजस्वी यादव से जब ये पूछा गया कि एआईएमआईएम के विधायक हिंदुस्तान के नाम पर शपथ लेने में आपत्ति जता रहे हैं तो तेजस्वी यादव ने छूटते ही कह दिया किया किसी को भारत कहने पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन जब फिर पूछा गया कि उन्हें हिंदुस्तान कहने पर आपत्ति है तो तेजस्वी यादव ने इस सवाल को दरकिनार करते हुए कहा कि अगर आप ऐसा पूछ रहे हैं तो लगता है आपको भारत कहने पर आपत्ति है और ये कहते हुए तेजस्वी यादव निकल लिए।
अब आप पूरे प्रकरण के बाद समझ गये होंगे कि तेजस्वी यादव क्या कहना चाहते हैं। यानि अगर कोई हिंदुस्तान पर आपत्ति जताता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। मतलब तेजस्वी यादव AIMIM के स्टैंड के साथ पूरी तरह खड़े दिख रहे हैं। इसमे उन्हें कुछ गलत नजर नहीं आता।
अब आपको थो़ड़ा ये भी बता दें कि भारत के संविधान में भारत के तीनों नाम स्वीकार्य हैं चाहें भारत कहें या हिंदुस्तान या फिर इंडिया। किसी भी नाम का विरोध देश के अंदर कही से जायज नहीं है। गौरतलब है कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के विधायक अख्तरुल इमान ने शपथ ग्रहण के दौरान हिंदुस्तान शब्द पर आपत्ति जताई। अख्तरुल इमान को उर्दू भाषा में शपथ लेनी थी, लेकिन उर्दू में भारत की जगह हिंदुस्तान शब्द के इस्तेमाल पर उन्होंने आपत्ति जताते हुए प्रोटेम स्पीकर से भारत शब्द का इस्तेमाल करने की मांग की। हालांकि, बाद में अख्तरुल इमान ने कहा कि वे आपत्ति नहीं जता रहे, बल्कि सलाह दी है।
वहीं बता दें कि AIMIM विधायक के इस बयान पर अब बिहार विधानसभा के सत्र के पहले दिन ही सियासी बखेड़ा उठ खड़ा हुआ है।जेडीयू नेता मदन सहनी ने कहा कि विधायक को हिन्दुस्तान बोलना चाहिए था। हिदुस्तान बोलने में कोई हर्ज नहीं है. वह भारत बोलने पर अड़े हुए थे, जबकि उनके भाषण में भारत की जगह हिंदुस्तान लिखा था। वहीं, बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि जिन्हें हिंदुस्तान बोलने पर दिक्कत है वो पाकिस्तान जाए. ऐसे लोगों को भारत में रहने का कोई हक नहीं। ऐसे लोगों को सदन छोड़कर पाकिस्तान चले जाना चाहिए. ऐसे लोग देश को तोड़ने वाले हैं।
गौरतलब है कि एआईएमआईएम विधायकों ने शपथ भी उर्दू में ही ली। बता दें कि बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन मुस्लिम विधायकों के जीतने में आंकड़े में दूसरे नंबर है। AIMIM को बिहार की पांच सीटों पर जीत मिली है, जिनमें अमौर, कोचाधाम, जोकीहाट, बायसी और बहादुरगंज सीट है। ये सीटें सीमांचल की हैं, जहां मुस्लिम कैंडिडेट AIMIM से ही जीत दर्ज किए हैं।
बता दें कि AIMIM 2015 चुनाव में 6 सीटों पर लड़ी थी, जिनमें से एक भी सीट नहीं जीत सकी थी। AIMIM को पहली सफलता 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद किशनगंज सीट पर हुए चुनाव में मिली थी। इस बार AIMIM ने 20 में से 16 टिकट मुसलमानों को दिया था।
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