टाटा समूह ने औद्योगिक घरानों के समक्ष उदाहरण पेश किया : मुख्यमंत्री
सिटी पोस्ट लाइव, रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास और टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने शनिवार को रांची के कांके स्थित रिनपास परिसर में कैंसर केयर अस्पताल की आधारशिला रखी। इस मौके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जनता की ओर से रांची में कैंसर अस्पताल में स्थापना का आग्रह किया गया था, इस दिशा में कैंसर केयर अस्पताल का शिलान्यास पहली शुरुआत है। उन्होंने रतन टाटा के प्रति राज्य की जनता की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि टाटा समूह ने देश-दुनिया के औद्योगिक घरानों के समक्ष एक उदाहरण पेश किया है। इस कॉरपोरेट घरानों ने औद्योगिक कंपनियों के समक्ष एक उत्कृष्ट मापदंड पेश किया है, कंपनी की ओर से लाभांश का 80 प्रतिशत हिस्सा जनहित के कार्यों में खर्च किया जा रहा है, यह दुनिया के समक्ष उदाहरण है। टाटा कंपनी के संस्थापक जमशेदजी नसरवानजी टाटा ने इस परंपरा की शुरुआत की और 100वर्षां बाद भी यह परंपरा बरकरार है। उन्होंने कहा कि 100 वर्षां से चली आ रही परंपरा का निर्वाह छोटी-मोटी बात नहीं है, दुनिया के अन्य औद्योगिक घरानों को भी इससे सीख लेनी चाहिए। रघुवर दास ने कहा कि वे भी टाटा के एक मजदूर रहे है, अब सेवानिवृत्त हो चुके है, टाटा कंपनी के वंशजों में एक है। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर नसरवानजी टाटा ने तब स्टील प्लांट की स्थापना की थी, जब देश अंग्रेजी शासन से लड़ रहा था, उस वक्त जमशेदजी टाटा ने देश के विकास के बारे में सोचा और उनकी दूरदृष्टि से ही कंपनी स्थापित हुई। कंपनी द्वारा आज भी उसी परंपरा का निर्वाह किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौरवजी टाटा की 50वर्षीय पत्नी की जब मौत हो गयी, तो 1932 में मुंबई में टाटा कैंसर ट्रस्ट की स्थापना की गयी और 1942 में मुंबई में स्थापित कैंसर अस्पताल की स्थापना के बाद ही भारत ही, एशिया भर के कई देशों के मरीजों को कैंसर के इलाज के लिए विश्वस्तरीय सुविधा मिलने लगी। इसी क्रम में जमशेदपुर और देश के अन्य राज्यों में भी कैंसर के रोकथाम के लिए इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी। अब रांची में भी कैंसर की स्थापना हो जाने से राज्य के मरीजों को मुंबई या दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वे दुआ करेंगे कि किसी को कैंसर न हो, लेकिन यदि बीमारी हो जाती है, तो राज्य में ही उनका समुचित इलाज संभव हो पाएगा। उन्होंने राज्य के चिकित्सकों से भी अपील की कि वे ईमानदारी से मरीजें का इलाज करें। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि रिम्स या सदर अस्पताल में कार्यरत चिकित्सक अपनी ड्यूटी छोड़ कर निजी नर्सिंग होम में मरीजों का इलाज करते है। उन्होंने अपील की कि डॉक्टर ऐसा न करें, इस तरह के काम से गरीबों का आह लगेगा। मुख्यमंत्री ने टाटा कंपनी को कैंसर केयर अस्पताल के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार घर-घर बिजली पहुंच रही है, टाटा स्टील और टाटा मोटर्स प्रबंधन से बात हुई है, दोनों कंपनी प्रबंधन की ओर से यह भरोसा दिलाया गया है कि गांव-गांव में स्ट्रीट लाईट की सुविधा उपलब्ध कराने में उनकी ओर से सहयोग किया जाएगा। उन्होंने टाटा कंपनी से यह भी आग्रह किया टाटा ट्रस्ट अपने सीएसआर के तहत राज्य के 1000 पंचायतों में आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने में सहयोग करें। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से 50ः50 के अनुपात में चरणबद्ध तरीके से 4400 पंचायतों में विकास का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि टाटा संस की ओर से आयुष्मान भारत योजना के तहत भी गरीब मरीजों को पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने पर सहमति जतायी है। इस मौके पर टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि रांची में स्थापित कैंसर केयर अस्पताल से झारखंड ही नहीं, पूरे पूर्वी भारत में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से निपटने में बड़ी सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रारंभ में कैंसर जैसी बीमारियों के बारे में नहीं लग पाने के कारण कई लोगों की बाद में स्थिति गंभीर होने से मौत हो जाती है, लेकिन यह अस्पताल कैंसर जैसी बीमारियों की समय पर पहचान कर समय पर इसके उपचार की सुविधा मिल पाएगी, इसमें टाटा कैंसर अस्पताल ट्रस्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि कैंसर केयर अस्पताल राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इस 300 शैय्या वाले अस्पताल में 50 प्रतिशत सीट झारखंड के मरीजों के लिए आरक्षित रहेगा, वहीं पूर्वी भारत के उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार और छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों के लोगों को भी फायदा मिलेगा। इससे पहले मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी और स्वास्थ्य विभाग के सचिव मदन नितिन कुलकर्णी ने बताया कि इस अस्पताल के लिए राज्य सरकार ने करीब 23 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी है। वहीं टाटा ट्रस्ट की ओर से उपष्कर उपलब्ध कराया जाएगा। इस कैंसर अस्पताल में राज्यवासियों के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित रहेगी। साथ ही साथ प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत के लाभुकों का इस अस्पताल में निःशुल्क इलाज किया जाएगा। इस कैंसर अस्पताल में झारखंड के मरीजों के लिए पचास प्रतिशत बिस्तर आरक्षित रहेंगे। अस्पताल में गरीबी रेखा से नीचे के परिवार के मरीजों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जायेगी। साथ ही साथ आयुष्मान भारत के लाभुकों का भी निःशुल्क इलाज किया जायेगा।
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