रांची: रांची नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि पूर्व में बने सभी भवनों को तोड़ने से पहले भवनों का नक्शा रेगुलाइज कराने का प्रावधान राज्य सरकार लाए।
उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कई दिनों से रांची नगर निगम द्वारा पुराने भवनों को भी नोटिस दिया जा रहा है, जिससे पूरे शहर में भय का माहौल है। नागरमल मोदी सेवा सदन अस्पताल को निगम द्वारा 15 दिनों में अस्पताल हटाने का नोटिस दिया गया है। एक ऐसी संस्था जो पिछले 50 सालों के भी पूर्व से सेवा कर रही है और उनका अस्पताल भवन का निर्माण 1960 के आसपास का है।
यह अस्पताल बड़ी संख्या में हर दिन मरीजों का इलाज करता रहा है। रांची में जब अस्पताल नहीं थे, नक्शे का प्रावधान नहीं था, तब से इस अस्पताल ने लाखों जिंदगियां बचाई। आज इसे तोड़ने का फरमान जारी किया गया है। ऐसे पुराने भवन को तोड़ने का नोटिस देना अव्यावहारिक है।
उन्होंने कहा कि सेवा सदन के साथ-साथ वैसे भवन जिनका रेगुलाइज नहीं हुआ है। वैसे भवनों को नियम संगत रेगुलाइज करने की प्रक्रिया जब तक पूरी ना हो जाए तब तक वैसे भवनों को हटाने के लिए त्वरित कार्यवाई ना किया जाए। नगर निगम घरों को उजाड़ने का काम कर रही है। यह चिंता का विषय है। वैसे गरीब लोग जिनके द्वारा जमीन का अतिक्रमण किया गया है। उनका सर्वे कराकर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत उनको उजाड़ने से पहले उनको बसाने की योजना सरकार को बनानी चाहिए। रेगुलाइज का शुल्क वर्तमान में 1000 रुपये वर्ग फीट है। क्या बिल्डिंग बाइलॉज के इस नियम के तहत लोग इसे कर पाएंगे। आज मकान बनाने की कीमत 1000 एवं प्रति वर्ग फीट होगी। उतना ही सरकार फाइन लगाकर देविएशन या नया भवन को रेगुलाइज करेगी। क्या ऐसे नियम से कोई आम व्यक्ति इसे कराने के लिए निगम में आएगा।
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