City Post Live
NEWS 24x7

“विशेष” : लालू भक्त पूर्व डीएसपी राजकुमार यादव की अपराधियों से थी सांठगांठ

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

“विशेष” : लालू भक्त पूर्व डीएसपी राजकुमार यादव की अपराधियों से थी सांठगांठ,अपने कार्यकाल में अर्जित की अकूत संपत्ति

सिटी पोस्ट लाइव “विशेष” : पूर्व डीएसपी और पटना के कोतवाली थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर राजकुमार यादव जिन्हें लालू प्रसाद यादव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त था,को फर्जी एनकाउंटर मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई है.पटना के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फर्जी एनकाउंटर मामले में राजकुमार यादव को बीते कल यानि बृहस्पतिवार को दोषी करार दिया था और आज उसी आधार पर उन्हें 10 साल की सजा का एलान कर दिया है.बताना लाजिमी है कि पहले फास्ट ट्रैक कोर्ट -2 के जज अब्दुल सलाम ने गुरुवार को राजकुमार यादव को दोषी करार दिया था.गौरतलब है कि दोषी करार दिये जाने के बाद राजकुमार यादव को हिरासत में लेकर उन्हें जेल भेज दिया गया था .इधर इसी मामले के तीन अन्य आरोपितों तत्कालीन अवर निरीक्षक लालचंद राम,अभय नारायण सिंह तथा सहायक अवर निरीक्षक विभा कुमारी को संदेह का लाभ देते हुये बरी कर दिया गया है .

यह यह उल्लेख करना भी बेहद जरूरी है कि इसी मामले के एक अन्य आरोपी अवर निरीक्षक निर्मल कुमार सिंह की मृत्यु विचारण के दौरान ही हो गई थी.मालूम हो को है इस पूरे मामले की जांच सी.बी.आई. ने की थी. घटनाचक्र के मतल्लिक जानकारी के मुताबिक दो दशक से पहले राजकुमार यादव पटना के कोतवाली थाना में इंस्पेक्टर हुआ करते थे.लालू प्रसाद यादव के घर उनका जाना-आना था .इसमें कोई शक नहीं है कि उनमें लालू भक्ति कूट-कूट कर भरी थी और लालू का भी उनको विशेष आशीर्वाद प्राप्त था.उनकी तूती बोलती थी.उसी दौरान यह एनकाउंटर हुआ था.एनकाउंटर की यह घटना तीन सितंबर, 1995 की है.दानापुर थाना क्षेत्र से चार युवकों को पुलिस ने उठाया था.लेकिन ही अगले दिन पुलिस ने दो को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था.जबकि दो युवक का पता नहीं चल सका. मृतक के परिजन की शिकायत पर पटना हाईकोर्ट के ने इस हमले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा.गौरतलब है लंबी जांच प्रक्रिया के बाद इस मामले में पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ था.पांच आरोपियों में से एक मौत हो गयी थी आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए जहां तीन आरोपितों को बरी कर दिया वहीं राजकुमार यादव को 10 साल की सजा सुना.

राजकुमार यादव को अब सजा सुनाई जा चुकी है.अपनी सेवा के दौरान यह जहाँ-जहाँ रहे बेहद विवादित और क्रूरता इनकी पहचान रही ।सुपौल के वीरपुर में जब ये पदस्थापित थे,तो इनकी पुलिस गाड़ी पर कारबाईन के साथ खूंखार अपराधी धीरेंद्र यादव चलता था.धीरेंद्र यादव सुपारी किलर था जिसने बिहार सहित नेपाल के कई बड़े उद्योगपति और कारोबारियों को ठिकाने लगाया था.बिहार के फ़ारविसगंज के बड़े कारोबारी गोलछा हत्याकांड का भी धीरेंद्र यादव मुख्य आरोपी था.फिरौती के लिए धीरेंद्र यादव ने कई नामचीन हस्तियों को अगवा किया था.जब ये डीएसपी बनकर सहरसा आये,तो इन्होंने खुलकर जमीन माफियाओं का साथ दिया. सहरसा में इनके नाम कई एकड़ जमीन है.वीरपुर में भी इनकी जमीन है.पटना के राजा बाजार और शगुना मोड़ सहित कई इलाके में इनकी कई एकड़ जमीन है.यही नहीं पटना,नोएडा और दिल्लीमें अपार्टमेंट हैं.
अपने सेवा काल में ये हमेशा फ्रंटफुट पर खेलते हुए अकूत संपदा के स्वामी बने.हांलांकि इस बिंदु पर सीबीआई की जांच हमें सिफर दिखती है.वैसे 10 साल की इस सजा के खिलाफ राजकुमार यादव के लिए ऊपरी अदालत में गुहार लगाने के रास्ते खुले अभी खुले हुए हैं.लेकिन इस मामले में यह साबित हो गया कि पाप का घड़ा भरकर,एकदिन जरूर फूटता है और किसी ना किसी रूप में दंड का भागी बनना ही पड़ता है.
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.