सिटी पोस्ट लाइव : इसबार लोक सभा चुनाव में JDU के साथ BJP का गठबंधन नहीं है.ऐसे में बीजेपी (Bihar BJP) कुछ ऐसे सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है, जहां 1994 या परिसीमन के बाद आज तक वह चुनाव नहीं लड़ी है. वैशाली, जहानाबाद, नालंदा, जमुई, काराकाट, मुंगेर और सीतामढ़ी लोक सभा सीट पर इसबार पार्टी अपना उम्मीदवार देने की तैयारी में है.चुनाव में अभी डेढ़ वर्ष का समय शेष है फिर भी लोकसभा संयोजक, लोकसभा प्रभारी और विस्तारक से लेकर लोकसभा कोर कमेटी और पन्ना समिति बनाने की जिम्मेदारी पार्टी के रणनीतिकारों को सौंप दी है.
पार्टी ने सभी 40 के 40 लोकसभा क्षेत्र के लिए दी जिम्मेदारी की बारीकी से समीक्षा भी शुरू कर दी है इसमें कई ऐसी सीटें है जहां परिसीमन के बाद अस्तिव में आई है. कुछ सीटें ऐसी हैं जिसको पार्टी ने क्लस्टर प्लान शामिल किया.बीजेपी के क्लस्टर प्लान में बिहार की दस सीटें हैं. इसमें से ज्यादातर सीटें अभी जेडीयू के पास है. वाल्मीकिनगर, कटिहार, पूर्णिया, गया, झंझारपुर, सुपौल और मुंगेर सीट JDU के कब्जे में है. किशनगंज कांग्रेस के पास हैं. नवादा और वैशाली LJP के खाते में है.BJP को ये भरोसा नहीं है कि दुबारा LJP ईन सीटों को जीत पायेगी.
पार्टी ने सांसद, विधायक और विधान पार्षदों के अलावा प्रदेश के पदाधिकारियों को मंडल और बूथ स्तरीय बैठक में उपस्थित सुनिश्चत करने का टास्क दिया है. खासकर पार्टी की नजर ऐसी सीटों पर हैं जहां पिछले तीन-चार लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कभी प्रत्याशी नहीं दिया.नालंदा सीट से 1991 में आखिरी बार बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चंद्रकांता सिन्हा लड़ी थीं, लेकिन हार गईं. इसके बाद बीजेपी ने एनडीए गठबंधन में रहने के कारण कभी नालंदा सीट पर प्रत्याशी नहीं दिया. इसी तरह 1991 के बाद बीजेपी कभी जहानाबाद सीट पर नहीं लड़ी.इस सीट पर आखिरी बार 1991 में पूर्व आइपीएस अधिकारी राजेंद्र सिंह चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए. सीतामढ़ी सीट से 1998 के बाद बीजेपी कभी नहीं लड़ी. इस सीट पर आखिरी बार बीजेपी से अवनीश सिंह लड़े थे.जमुई, काराकाट, मुंगेर, हाजीपुर और समस्तीपुर सीट पर भी बीजेपी की नजर है जहाँ वो बहुत लम्बे समय से चुनाव नहीं लड़ी है.
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