सिटी पोस्ट लाइव : जेडीयू और एलजेपी के बीच तलवारें खिंची हुई हैं। दोनों पार्टिय़ों के बीच बीजेपी के मुश्किलें बार-बार बढ़ती नजर आ रही हैं। अब पूर्व केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर भी विवाद हो रहा है। जेडीयू किसी भी कीमत पर इस सीट को एलजेपी को नहीं देना चाहती। जेडीयू ने इसके लिए बीजेपी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही जेडीयू ये भी दवाब बना रही है कि चिराग पासवान को केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल न किया जाए।
एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान बिहार में अकेले चुनाव लड़ रहे हैं। वे बीजेपी की मुखालफत तो नहीं कर रहे लेकिन जेडीयू के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हुए हैं। चिराग के तीखे तेवर के बीच बीजेपी को न चाहते हुए भी एलजेपी के खिलाफ सख्ती बरतनी पड़ रही है। बीजेपी ने नीतीश कुमार को संतुष्ट करने के लिए एलजेपी को वोटकटवा पार्टी तक कह दिया और साथ ही साथ पीएम मोदी की तस्वीरों के इस्तेमाल न करने के चेतावनी दे डाली।
बीजेपी के इन तमाम कवायदों के बीच चिराग पासवान के तेवर नरम नहीं पड़े हैं और वह जेडीयू के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। खुद को पीएम नरेंद्र मोदी का हनुमान बता चुके चिराग अभी भी बीजेपी के साथ अपनी करीबी बताने में नहीं चूकते हैं। हालांकि इससे जेडीयू की परेशानी बढ़ रही है और वह बीजेपी पर एलजेपी से केंद्र में भी संबंध तोड़ने का दबाव बढ़ा रही है। रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट को लेकर भी जेडीयू का कहना है कि अब वह एलजेपी को नहीं दी जाएगी। इतना ही नहीं जेडीयू यह भी चाहती है कि रामविलास पासवान की जगह उनके बेटे चिराग पासवान को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल भी न किया जाए। ऐसा होने पर एलजेपी एनडीए से पूरी तरह बाहर हो जाएगी।
हालांकि बीजेपी ने फिलहाल जेडीयू के इस तरह के दबाव पर चुप्पी साध रखी है। वह इस पूरे मामले को बिहार के विधानसभा चुनाव तक सीमित रखना चाहती है और नतीजे आने के बाद वह अपनी भावी रणनीति तय करेगी। दरअसल बीजेपी एलजेपी को छोड़ना नहीं चाहती है, क्योंकि इससे देश भर के दलित वर्ग में गलत संदेश जाएगा। वैसे भी रामविलास पासवान के निधन के बाद दलित सहानुभूति फिलहाल लोजपा के पास है और केंद्रीय स्तर पर वह बीजेपी को भी मिल रही है। ऐसे में बीजेपी जेडीयू के दबाव में एलजेपी को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहती है।
बीजेपी नेताओं का कहना है कि जेडीयू ने भी राज्य और केंद्र के स्तर पर अलग-अलग नीति बना रही है। राज्य में बीजेपी और जेडीयू की गठबंधन सरकार है, लेकिन जेडीयू अभी तक केंद्र सरकार में शामिल नहीं हुआ है। पिछली लोकसभा में और मौजूदा लोकसभा में भी उसने मोदी सरकार में शामिल होने से इंकार कर दिया था। हालांकि बीजेपी ने उसे सरकार में शामिल होने का न्योता दिया था।
Comments are closed.