राजीव गांधी की ऐसी बात जिसे आज भी याद कर आंखें भर आती है
सिटी पोस्ट लाइव : एक गोरा चिट्टा नौजवान जब सड़क पर निकालता तो लोगों कि भीड़ लग जाती थी, एक कहानी बिहार कि है जब पहली बार राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनने के बाद बिहार दौरे पर आए. उनका काफिला एक छोटे से गाँव से गुजर रहा था. पुलिस वालों ने धुल भरी सड़कों से लोगों को काफी दूर रखा. लेकिन उसी बीच के बूढी औरत हांथों में 1 गुलाब का फूल लिए उस काफिले को ऐसे निहार रही थी मानों उसमे उनका सारा संसार बसा हो. राजीव गांधी की गाड़ी सभी गाड़ियों के बीच में थी वो महिला पूरी तेजी से काफिले की तरफ भागी.अचानक राजीव की भी नजर उस बूढी महिला पर पड़ी… लेकिन राजीव उसे देखते हुए आगे बढ़ गए. महिला को पुलिस वालों ने पकड़ा हुआ था और राजीव के मन में पता नहीं क्या चल रहा था. काफिला गुजरने के बाद लोगों ने देखा कि एक गाड़ी वापस आ रही है. वो गाड़ी सीधे उस बूढी महिला के पास आकर रुकी और उस से 6 फीट लम्बा चौड़ा और गोरा चिट्टा 40 वर्षीय नौजवान बहार निकला. जो खुद राजीव गांधी थे, उन्होंने झुक कर महिला के पैर छुए और हाथों से गुलाब का फूल लिया और गाड़ी में बैठ चले गए.
लोगों का मनना है कि राजीव गाँधी न सिर्फ समझदार बल्कि बेहद भावुक किस्म के इंसान थे जो लोगों की परेशानी को खुद की परेशानी समझते थे. उन्होंने देश को आधुनिकता की तरफ अग्रसर किया, कई फैसले व् बदलाव युवाओं को आगे बढ़ाने को लेकर लिये साथ ही राजनीति को बड़े ही आसान तरीके से चलाया. आज उसी राजीव गांधी जो भारत के सबसे कम उम्र के नौजवान पूर्व प्रधानमंत्री की 27वीं पूण्य तिथि है जिसे आज भी हर इंसान भूला नहीं पाया है. सोंचिए वो रात कितनी काली होगी जिस दिन ऐसे इंसान की मौत हुई थी. लोग पूरी रात सो नहीं पाए थे जब उन्हें मौत की सुचना मिली.एक पत्रकार ने अपने लेख में लिखा कि 21 मई 1991, समय… रात के 10 बजकर 21 मिनट… ये वो काली रात थी जो गांधी परिवार के साथ-साथ पूरे देश के लिए दिल दहला देनी वाली साबित हुई. उस दिन सुबह चुनाव प्रचार के लिए राजीव गांधी पहले असम गए, उसके बाद तमिलनाडु के लिए रवाना हुए. तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में उस दिन वो हुआ जिसके बारे में किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. एक छोटी और गठीले शरीर वाली लड़की चंदन का हार लिए उनका इंतजार कर रही थी. महिला धीरे धीरे राजीव गांधी की और बढ़ी. वहीं दूसरी ओर मंच पर राजीव गांधी के सम्मान में गीत गाया जा रहा था. जैसे ही महिला राजीव गांधी के पैर छूने के लिए आगे बढ़ी कि जोरदार धमाका हुआ.
पत्रकार ने लिखा कि उस बम धमाके के बारे में जब भी याद करती हूँ तो उनकी आखों में आंसू आ जाते है. धमाके होने से पहले पटाखे जैसी आवाज आ रही थी. उसके बाद ही तुरंत धमाका हुआ. राजीव गांधी भारत के सातवें प्रधानमंत्री थे और उनकी आयु कम होने के कारण युवाओं में पहले प्रधानमंत्री थे. 1984 में इंदिरा गाँधी जी की हत्या के बाद राजीव गाँधी जी ने भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री का पद हांसिल किया था. हालांकि 1989 में आम चुनावों में कांग्रेस की हार हो गयी थी और पार्टी दो साल तक विपक्ष में रही थी. सन् 1991 के आम चुनावों के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक भयंकर बम विस्फोट में उनकी मृत्यु हो गयी. उनकी मृत्यु एक साजिश थी जिस पर आज भी विवाद होता रहता है.
अविनाश कुमार सिंह, सिटी पोस्ट लाइव
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