City Post Live
NEWS 24x7

18वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को 14 से लगेगा वैक्सीन

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड में कोविड संक्रमण पर नियंत्रण को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को संताल परगना और पलामू प्रमंडल के सांसदों और विधायकों के साथ वर्चुअल बैठक की। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड की स्थिति के संबंध में जानकारी देने और स्थिति से निपटने में कारगर एवं बेहतर सुझाव के साथ सहयोग का आग्रह किया। हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष नजर बनाए हुए हैं।  18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को राज्य में 14 मई से वैक्सीन लगेगा।

मुख्यमंत्री  ने कहा है कि राज्य में टेस्टिंग और रिकवरी लगातार बढ़ रही है। पिछले दस दिनों में संक्रमित दर में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि आईसीयू, ऑक्सीजन युक्त बेड और जेनरल बेड की संख्या में भी पिछले एक माह में तेज बढ़ोतरी की गयी है। अमृत वाहिनी एप और अस्पताल सर्किट के कारण अब सभी तरह के बेड समय पर मिल रहे है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सभी की सुरक्षा के लिए हर जरूरी प्रयास कर रही है, इन प्रयासों में कमी के कारण लोगों को हुई किसी भी तरह की परेशानी के लिए क्षमाप्रार्थी हूं, पर सभी को यह विश्वास दिलाया कि अपने सीमित संसाधनों के माध्यम से सरकार बेहतर से बेहतर सभी सुविधा अवश्य उपलब्ध राएगी। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि झारखंड को निःशुल्क वैक्सीन दिलाना राज्य सरकार की अगली प्राथमिकता है, जिसे सरकार अवश्य पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से आंशिक लाक्डाउन के फायदे सभी देख रहे है, पर अभी लोगों से आग्रह है कि बिना मास्क और जरूरी कार्यां के बिना अपने घरों से ना निकलें।

कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर को लेकर भी सरकार गंभीर
हेमन्त सोरेन ने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा कोरोना संक्रमण के तीसरे लहर आने की  चेतावनी दी गई है। राज्य सरकार तीसरे लहर से निपटने को लेकर गंभीर है और तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। विशेषज्ञों द्वारा अनुमान लगाया गया है कि तीसरे लहर में बच्चों पर संक्रमण का खतरा ज्यादा रह सकता है इस निमित्त सभी चाइल्ड स्पेशलिस्ट चिकित्सकों तथा विशेषज्ञों के साथ राज्य सरकार आने वाले दो-तीन दिनों के भीतर वर्चुअल मीटिंग करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के सभी आइसोलेशन सेंटर और कोरेनटाइन सेंटरों को दुरुस्त किया जाएगा। 14वें तथा 15वें वित्त आयोग की राशि का भी उपयोग संक्रमितों के इलाज पर हो यह सुनिश्चित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि कोरोना संक्रमण के पहले लहर से ही राज्य सरकार आरटीपीसीआर जांच मशीन बढ़ाने को लेकर गंभीर रही है। कोविड-19 के दूसरे लहर में संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, यही कारण है कि जांच रिपोर्ट आने में थोड़ा विलंब हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द लोगों को मिल सके इस निमित्त राज्य सरकार द्वारा आरटीपीसीआर जांच के लिए दो कोबास कंपनी के मशीनों के लिए ऑर्डर दिया गया है। यह मशीन जून माह के अंत तक राज्य में स्थापित किए जा सकेंगे।

हेमन्त सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय में रांची, धनबाद, जमशेदपुर जैसे बड़े शहरों में जीवन रक्षक दवाइयों से ज्यादा मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। जहां शुरुआती दौर में राज्य में मात्र 250 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध थे आज राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 10,000 से अधिक ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था  कर सके हैं। ऑक्सीजन युक्त बेड बढ़ाने का कार्य निरंतर किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर अफरा-तफरी के माहौल से हमें निकालने का काम किया है।

सामाजिक सुरक्षा के तहत चल रहे कार्यक्रमों पर फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत जितनी भी योजना संचालित हैं जैसे राशन वितरण, विभिन्न पेंशन इत्यादि सभी योजनाओं का कार्यान्वयन सुचारू रूप से चले इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा की सभी योजनाओं का निरंतर अनुश्रवण राज्य सरकार के पदाधिकारियों द्वारा किया जाना सुनिश्चित किया गया है।

कोविड सर्किट एवं संजीवनी वाहन का मिल रहा लाभ
मुख्यमंत्री  ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोविड सर्किट एवं संजीवनी वाहन का शुभारंभ किया गया है। एक सप्ताह के अंदर 800 मरीजों को कोविड सर्किट के तहत आसपास के कोरिडोर वाले अस्पताल में चिकित्सा उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संजीवनी वाहन द्वारा अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कई जिलों में ऑक्सीजन बैंक स्थापित किए जा रहे हैं। सभी सांसदों/विधायकों के विचार एवं सुझाव से अवगत होने के पश्चात मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि निश्चित रूप से वर्तमान समय बहुत ही चिंता की घड़ी है।

सभी लोग कठिन दौर से गुजर रहे हैं। पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण के दौर से ग्रसित है। हम भी अछूते नही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लिए चुनौती अधिक है क्योंकि झारखंड एक पिछड़ा राज्य है। यहां के 70प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्र में वास करते हैं। अधिकतर लोगों का जीवन-यापन खेती-बाड़ी अथवा मजदूरी से चलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के पहले लहर में हम सभी लोगों ने मिलकर संक्रमण के नियंत्रण और प्रसार को रोकने के लिए काम किया था। पहला पड़ाव के उपरांत ठीक से खड़े भी नहीं हो पाए थे और संक्रमण की दूसरी लहर आ गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण जाति-धर्म अथवा अमीरी-गरीबी नही देख रहा है बल्कि सभी के लिए कहर बरपा रहा है। आप सभी ने तीसरे लहर को लेकर चिंता जताई है और कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपके विचार एवं सुझाव के अनुरूप ही राज्य सरकार तीसरे लहर से निपटने के लिए कार्य योजना बना रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी के सहयोग से राज्य सरकार ने पड़ोसी राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल इत्यादि के अपेक्षा कोरोना संक्रमण को लेकर बेहतर काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमित संसाधनों के बीच अच्छे कार्य करने के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंटलाइनवर्कर धन्यवाद के पात्र हैं ,मैं उन्हें को नमन करता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे कई पदाधिकारी संक्रमित मरीजों की जान बचाते-बचाते अपनी जान गवां चुके हैं उन्हें भी मेरा शत-शत नमन।

कोविड-19 के पहले लहर से ही सरकार जांच बढ़ाने हेतु प्रयासरत
हेमन्त सोरेन ने कहा कि कोरोना संक्रमण के पहले लहर से ही राज्य सरकार आरटीपीसीआर जांच मशीन बढ़ाने को लेकर गंभीर रही है। कोविड-19 के दूसरे लहर में संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, यही कारण है कि जांच रिपोर्ट आने में थोड़ा विलंब हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द लोगों को मिल सके इस निमित्त राज्य सरकार द्वारा आरटीपीसीआर जांच हेतु दो कोबास कंपनी के मशीनों के लिए ऑर्डर दिया गया है। यह मशीन जून माह के अंत तक राज्य में स्थापित किए जा सकेंगे।

ऑक्सीजन युक्त बेड की उपलब्धता पर पूरा फोकस
मुख्यमंत्री  सोरेन ने कहा कि वर्तमान समय में रांची, धनबाद, जमशेदपुर जैसे बड़े शहरों में जीवन रक्षक दवाइयों से ज्यादा मेडिकल ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ रही है। जहां शुरुआती दौर में राज्य में मात्र 250 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध थे आज हम राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 10,000 से अधिक ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था  कर सके हैं। ऑक्सीजन युक्त बेड बढ़ाने का कार्य निरंतर किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर अफरा-तफरी के माहौल से हमें निकालने का काम किया है।

ऑक्सीजन फ्लोमीटर की उपलब्धता को लेकर किया जा रहा है प्रयास

मुख्यमंत्री  ने कहा कि आप सभी ने ऑक्सीजन फ्लोमीटर (रेगुलेटर) की उपलब्धता के लिए अपने सुझाव दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में होने के बावजूद रेगुलेटर की कमी होने के कारण इलाज में बाधा पहुंच रही है। राज्य सरकार द्वारा रेगुलेटर की उपलब्धता के लिए इंडो-डेनिश टूल रूम के साथ समन्वय बनाकर तथा राज्य के कई निजी कंपनियों के सहयोग से रेगुलेटर का मॉडल तैयार करने पर कार्य किया जा रहा है। जल्द ही हम अपने राज्य में ही रेगुलेटर तैयार करने में सक्षम हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेजल पाइप की उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर हम लगातार प्रयासरत हैं। हफ्ते दिन के अंदर हम नेजल पाइप की आपूर्ति सुचारू रूप से कर सकेंगे।

जीवन रक्षक एंबुलेंस हर जिले में संचालित होगी
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आपके द्वारा राज्य के सभी जिलों में जीवन रक्षक एंबुलेंस कार्यरत रहने को  लेकर सुझाव मिले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आवश्यक है कि प्रत्येक जिले में एक जीवन रक्षक एंबुलेंस चले। राज्य सरकार इस संबंध में जल्द कार्य योजना बना रही है ताकि सभी जिलों में एंबुलेंस उपलब्ध कराया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण से लोगों की मृत्यु कैसे कम हो इस पर सरकार लगातार नजर बनाए रखी है और आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं।

खांसी, सर्दी और वायरल फीवर को हल्के में न लें
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि जानकारी के अभाव में ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खांसी, सर्दी तथा वायरल फीवर को हल्के में लेने की भूल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सभी सांसदों तथा विधायकों से अपील किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को अधिक से अधिक कोरोना जांच कराने को लेकर जागरूक कराएं तथा अधिक से अधिक जांच हो यह सुनिश्चित करें। कोरोना संक्रमण में प्राथमिक उपचार ही कारगर है। सही समय पर कोरोना की पहचान हो और प्राथमिक उपचार सही हो तो मरीज जल्दी रिकवर हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी मरीजों को मेडिकल ऑक्सीजन ससमय उपलब्ध हो इस दिशा में भी सरकार तत्परता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में डॉक्टर तथा पैरामेडिकल स्टाफ की कमी न हो इस निमित्त राज्य सरकार नियुक्ति प्रक्रिया पर बल दिया है। जल्द ही राज्य में डॉक्टर,एएनएम, टेक्नीशियन इत्यादि की नियुक्ति होगी। मुख्यमंत्री ने सभी सांसदों और विधायकों से कहा कि अगर आपके क्षेत्र में कोई रिटायर्ड डॉक्टर सेवा देने के लिए तैयार हैं तो उनका नाम आप भेजें उन्हें जिम्मेदारी दी जाएगी।

इन्होंने रखे अपने महत्वपूर्ण विचार एवं सुझाव…
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन को पलामू सांसद बी डी राम, राजमहल सांसद   विजय हांसदा, चतरा सांसद सुनील सिंह, दुमका सांसद सुनील सोरेन, झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो, मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर, मंत्री बादल, मंत्री हफिजुल हसन अंसारी, महेशपुर विधायक स्टीफन मरांडी, पांकी विधायक  शशि भूषण मेहता, पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव, बोरियो विधायक  लोबिन हेंब्रम, मनिका विधायक रामचंद्र सिंह, बिश्रामपुर विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी, जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी, लातेहार विधायक वैद्यनाथ राम, राजमहल विधायक अनंत ओझा, हुसैनाबाद विधायक कमलेश कुमार सिंह, सारठ विधायक रणधीर कुमार सिंह, लिट़्टीपाड़ा विधायक दिनेश विलियम मरांडी, भवनाथपुर विधायक भानु प्रताप शाही, डाल्टनगंज विधायक आलोक कुमार चौरसिया, छत्तरपुर विधायक पुष्पा देवी, गोंडा विधायक अमित कुमार मंडल, दुमका विधायक बसंत सोरेन, देवघर विधायक नारायण दास ने अपने महत्वपूर्ण विचार एवं सुझावों से  अवगत कराया। बैठक में मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त सह अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे सहित अन्य उपस्थित थे।

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.