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केंद्रीय स्वच्छता सर्वे : देश के सबसे गंदे शहरों में बिहार की राजधानी का नाम सुमार

 इंदौर टॉप पर, पटना का स्‍थान कटिहार के बाद दूसरे स्‍थान पर

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सिटी पोस्ट लाईव : केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार पटना को साफ सुथरा और स्वच्छ बनाए जाने के लिए  नगर विकास मंत्री, पटना मेयर और निगम के अधिकारियों का दावा छलावा साबित हुआ है.बिहार की राजधानी पटना का हाल स्वच्छता के मामले में राज्य के दूसरे छोटे शहरों से भी खराब है.  पटना सफाई के मामले में सूबे के छोटे से शहर कटिहार से भी पिछड़ गया है. अफसोश , बिहार का एक भी शहर देश के टॉप-250 शहरों में भी नहीं आ सका है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी 2018 की सर्वे रिपोर्ट में कटिहार 287 रैंक के साथ बिहार के शहरों में पहले स्थान पर है. राजधानी पटना को 312 वां  रैंक मिला है. पिछले साल पटना को 262 वां रैंक मिला था. 2016 में पटना 70 वें स्थान पर रहनेवाला पटना इस बार 312 वें रैंक पर है. स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना नगर निगम को खराब सेवा में बहुत कम अंक मिले हैं. सर्विस लेवल प्रोग्रेस 1400 अंकों का था जिसका  राष्ट्रीय औसत अंक 287 है जबकि पटना को महज 155 अंक मिले हैं. आम नागरिक व निरीक्षण में पटना को सम्माजनक अंक मिले हैं.

निरीक्षण 1200 अंकों के लिए हुआ था, इसमें राष्ट्रीय औसत 806 रहा जिसमें पटना को 800.59 अंक मिले. सिटीजन्स फीडबैक 1400 अंकों का था इसमें राष्ट्रीय औसत 1931 है, जबकि पटना नगर निगम को 1644.92 अंक प्राप्त हुए हैं. स्वच्छता सर्वेक्षण 2016 में पटना को 73 शहरों में 70वां स्थान मिला था. इसमें सर्विस लेवल पर 276, स्वतंत्र सर्वेक्षण में 243, सिटीजंस फीडबैक में 205 अंक जोड़कर कुल दो हजार में 746 अंक मिले थे. 2017 की सर्वेक्षण रिपोर्ट में निगम डाक्यूमेंट के लिए 900 अंक निर्धारित थे, इसमें 400.79 अंक मिले. स्वतंत्र सर्वेक्षण टीम ने निर्धारित 500 अंक में पटना को 221.26, सिटीजंस इंगजमेंट के लिए निर्धारित 600 अंकों में 257.55 अंक दिए थे. कुल 2000 अंकों में पटना नगर निगम को 879.6 अंक मिले थे.

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