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वर्ष 2030 से पहले एनटीडी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे: बन्ना गुप्ता

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: देश में एनटीडी (नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिज़ीज़ेज़) यानी की फाइलेरिया (हाथीपांव), कालाज़ार, कुष्ठ रोग, डेंगू, चिकुनगुनिया, सर्पदंश, रेबीज़ जैसी बीमारियों से हज़ारों लोगों की हर साल या तो मृत्‍यु हो जाती हैं या फिर विकलांग हो जाते हैं। भारत के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री  थावरचंद गेहलोत, उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को विश्व एनटीडी (नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिज़ीज़ेज़) के लिये जागरूकता का प्रचार-प्रसार करने के लिए ट्विटर के माध्यम से टैग कर नॉमिनेट करते हुए अभियान में शामिल होने का आह्वान किया। इसी नॉमिनेशन को स्वीकार करते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने एनटीडी के रोकथाम के लिए अपनी सांकेतिक तश्वीर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डाल कर इस अभियान का समर्थन किया।  बन्ना गुप्ता ने कहा कि एनटीडी की चुनौती से निपटने के लिए राज्य सरकार  प्रतिबद्ध हैं और निश्चित ही वर्ष 2030 से पहले एनटीडी उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।

राज्य में, एनटीडी की रोकथाम और नियंत्रण को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रमों के माध्यम से प्राथमिकता दी जा रही है और झारखण्ड ने कालाज़ार और फाइलेरिया के उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। झारखण्ड में 22 जिलों में लिम्फैटिक फाइलेरिया (हाथीपांव) और कालाजार से प्रभावित 4 जिले, एनटीडी जनस्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौतियां बने हुए हैं। किंतु, राज्य इन रोगों के खिलाफ ठोस कदम उठा रहा है।  स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 में झारखण्ड को कालाजार से मुक्त करने के लिए ,राजनीतिक एवं प्रशासनिक प्रतिबद्धता के साथ सभी विभागों के सहयोग से अभियान के रूप में कार्य चल रहा है। इसी प्रकार कुष्ठ रोग के नियंत्रण के लिए भी प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सभी हितकारकों के सहयोग से हम झारखण्ड को एनटीडी से शीघ्र और अवश्य मुक्त कर पायेंगे।

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