लालू यादव की राह पर नीतीश कुमार, विलय की बढ़ी संभावना.
ललन सिंह के सामाजिक न्याय के नारे से बिहार में चर्चा, जेडीयू और आरजेडी का होगा विलय?
सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में JDU और RJD के विलय को लेकर चल रही अटकलों को JDU के राष्ट्रिय अध्यक्ष ललन सिंह हवा दे दी है.JDU के अध्यक्ष ललन सिंह के सोशल मीडिया पोस्ट से इन अटकलों को और बल मिल गया है. ललन सिंह ने अपने पोस्ट में सामाजिक न्याय का नारा दिया है, जो कि आरजेडी का हुआ करता है. जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने पार्टी के 19वें स्थापना दिवस पर ट्विटर पर पोस्ट कर बधाई दी. उन्होंने लिखा कि जनता दल (यूनाइटेड) के 19वें स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर बिहार एवं देशभर के कार्यकर्ता और नीतीश कुमार को बधाई, आभार एवं शुभकामनाएं। सब मिलकर ‘सामाजिक न्याय के साथ विकास’ की त्वरित गति में बिहार को विकसित प्रदेश बनाकर रहेंगे.
जनता दल के शरद गुट और समता पार्टी के विलय के बाद 30 अक्टूबर 2003 में जेडीयू का गठन हुआ था. उसके बाद नीतीश कुमार इस पार्टी के सर्वेसर्वा बन गए. जेडीयू सुशासन और विकास का नारा देकर बिहार की सत्ता पर काबिज हुई. तब से नीतीश इसी नारे के साथ राजनीति कर रहे हैं. अब जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने नारे में विकास के साथ सामाजिक न्याय को भी जोड़ दिया है.जाहिर है इससे दोनों दलों के विलय की चर्चा को और बल मिलेगा.
पुराने जनता दल में वीपी सिंह ने सामाजिक न्याय का नारा दिया था. लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी का गठन किया तो उसी नारे को अपनाया. आज की आरजेडी की नींव इसी अवधारणा पर टिकी है. अब सीएम नीतीश कुमार की जेडीयू भी सामाजिक न्याय के नारे को अपनाने जा रही है. सामाजिक न्याय का अर्थ समाज के सभी सदस्यों के बीच बिना किसी भेदभाव के समान भाव से उनके अधिकार और गरिमा को बनाए रखने से है.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद से इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि आरजेडी और जेडीयू का विलय होगा.
सूत्रों के अनुसार सीएम नीतीश और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपनी-अपनी पार्टियों का विलय करके एक नए मजबूत दल का निर्माण कर सकते हैं.इस विलय के बाद बिहार ही नहीं बल्कि देशभर में बीजेपी को चुनौती दे सकेगें.हालांकि, अभी तक दोनों पार्टियों की ओर से इस पर कोई जानकारी नहीं दी गई है. माना जा रहा है कि अंदरखाने विलय पर बात चल रही है. दोनों ही दल एक नए नाम और नए निशान के साथ नई पार्टी बना सकते हैं.इस सम्बन्ध में दिल्ली में हुई RJD की राष्ट्रिय कर्य्कारिनिं की बैठक में संशोधन प्रस्ताव भी पास हो चूका है.
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