मोदी मंत्रीमंडल में जगह के लिए जेडयू की दिल्ली में अहम् बैठक:बिहार
सिटी पोस्ट लाइव- लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद नई सरकार के गठन को लेकर अब प्रक्रिया तेज हो गई है. अभी से यह अटकलों का बाजार गर्म है कि किस पार्टी से कितने मंत्री बनाए जाएंगे. लोगों में इस बात को लेकर चर्चा तेज है कि जब गुरुवार 30 मई को नरेन्द्र मोदी शपथ लेंगे तो किस दल को सबसे पहले उनकी सरकार में जगह मिलती है. इसी सिलसिले में आज शाम 5 बजे दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर पर जेडीयू की बैठक होगी.
दरअसल, जेडीयू की नजर मोदी सरकार के अगले मंत्रिपरिषद में दो मंत्री पदों पर है. पार्टी के सूत्रों ने बताया कि जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार इस बारे में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात भी कर सकते हैं.गुरुवार 30 मई को नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. इस बीच नई सरकार के मंत्रिपरिषद में जगह पाने के लिए कोशिशें तेज हो गई हैं. इसी सिलसिले में आज शाम 5 बजे दिल्ली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घर पर जेडीयू की बैठक होगी.
बता दें कि इस चुनाव में जेडीयू के 16 सांसद चुने गए हैं जो कि एनडीए में बीजेपी और शिवसेना के बाद किसी दल की सांसदों की सबसे अधिक संख्या है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, अगली सरकार में जेडीयू शामिल होने जा रही है और इसका संकेत दे दिया गया है. अब इस बात पर चर्चा जारी है कि जेडीयू को मंत्रिपरिषद में कितने पद दिए जाएंगे. ऐसे सांसदों के अनुपात के अनुसार एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री का पद मिल सकता है.
मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले सांसदों को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है. सूत्रों के अनुसार कैबिनेट मंत्री के पद के लिए मुंगेर से सांसद और नीतीश कुमार के करीबी राजीव रंजन सिंह दावेदार हैं.वहीं, राज्यमंत्री के पद के लिए पार्टी में पूर्णिया से सांसद संतोष कुशवाहा के नाम पर विचार हो रहा है. कुशवाहा 2014 में पूर्णिया से जीते थे, तब जेडीयू बिहार में किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं थी. इस बार भी उन्होंने कांग्रेस के उदय सिंह को मात दी
मालूम हो कि इस बार नीतीश कुमार की पार्टी जेडयू एनडीए गठबंधन का हिस्सा थी. साथ ही बिहार में लोजपा भी मिलकर बीजेपी के साथ चुनाव लड़ी थी. इस बार बिहार के सभी सीटों पर बीजेपी और उसके सहयोगियों का कब्जा रहा. केवल एक सीट पर कांग्रेस जीत दर्ज कर सकी. बिहार में लोकसभा की 40 सीटें है. जिसमें 39 सीटों पर एनडीए का कब्जा रहा. महागठबंधन की इस बार बुरी तरीके से हार हुई है. जिसके बाद महागठबंधन में हार के लिए आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
जे.पी.चंद्रा की रिपोर्ट
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