उद्योगों का सही उपयोग करके झारखण्ड को विकसित किया जा सकता है : राज्यपाल
सिटी पोस्ट लाइव : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू नेआज रांची में पेंथियॉन 2018 का उदघाटन किया। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि राज्य में उपलब्ध संसाधनों का सही तरीके से उपयोग कर झारखंड को विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल किया जा सकता है। राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं और युवा पीढ़ी से अपील की कि वे अपने आसपास के क्षेत्रों को स्वच्छ रखकर सामाजिक दायित्वों का पालन करें। उन्होंने कहा कि हर कोई यही चाहेगा कि आगे आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित धरती और सुरक्षित जलवायु उपलब्ध हो। हमारी औद्योगिक गति तब तक संतुलित नहीं होगी जब तक हम पर्यावरण के पहलू को अपने विचार का हिस्सा नहीं बनाते। ऐसा करते हुए हम अपने झारखंड राज्य को देश के औद्योगिक मानचित्र पर महत्त्वपूर्ण स्थान दिला सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज हमें यह देखने की नितांत आवष्यकता है कि हम किस प्रकार अपने पर्यावरण की रक्षा करते हुए विकास की मार्ग अपना सकते हैं, जिससे दोनों के बीच संतुलन बना रहे।
राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण की अहमियत सिर्फ सरकारी एजेंडा बन कर न रह जाय। सभी इसकी अहमियत को जाने। लोगों में इसके प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किये जाय। साथ ही पर्यावरण की रक्षा के लिए जो व्यक्ति या संगठन कार्य कर रहे हैं, उनके मनोबल को बढ़ाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत ही चिन्ता का विशय है कि सूर्य की अल्ट्रवॉयलेट किरणों को धरती पर आने से रोकने वाली ओजोन लेयर पतली होती जा रही है और उसमें छिद्र की बातें भी सामने आ रही है। हमारे वैज्ञानिक भी इस हेतु गंभीर है क्योंकि अगर इसके घटने की रफ्तार यही रही तो दुनिया खतरे में आ सकती है। आज कैंसर रोगियों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रहा है, हो सकता है कि इसका एक कारण यह अल्ट्रवॉयलेट किरणों भी हो। धरती पर जीव-जन्तुओं का अस्तित्व बना रहे, इसके लिए सभी मानवजाति को कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले अखबारों में खबर छपी थी कि वायु प्रदूशण के कारण गर्भ में पल रहे बच्चों को आगे चलकर ब्लड प्रेशर और दूसरी कई बीमारियों हो सकती हैं। सदैव खबरें आती हैं कि जहाँ खनन होता है या बड़े उद्योग लगे हैं, वहाँ प्रदूशण काफी ज्यादा है। हालांकि उद्योग देष के विकास के लिए बेहद जरूरी है। जीडीपी में इनका बहुत बड़ा योगदान है। ऐसे मेंऔद्योगिक विकास और पर्यावरण के मध्य संतुलन बना रहे, इस ओर गंभीर एवं व्यापक प्रयास की जरूरत है। आठ अक्टूबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में कई विशेषज्ञों का व्याख्यान होगा और प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
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