बिहार सरकार के उदासीन रवैये के कारण नीलाम होगा मोतिहारी का सर्किट हाउस
सिटी पोस्ट लाइव – बेतिया राज के जमीन पर बिहार सरकार ने मानों अपना दावा छोड़ दिया है. उक्त हाउस के बारे में मामला यह बताया जाता है कि यह जमीन बेतिया राज की थी.जिसपर राज्य सरकार ने अपना दावा पेश किया था.बाद में मामला कोर्ट में जा पहूँचा था.बताया गया है कि राज्य सरकार को लगातार नोटिस करने के बाद न्यायालय के समक्ष सरकार का पक्ष रखने के लिए कोई सरकारी प्रतिनिधि उपस्थिति नहीं हो सका.मोतिहारी सर्किट हाउस का जमीन 4.20 एकड़ है. मामले में प्रथम अवर न्यायालय के न्यायाधीश श्रीप्रकाश मिश्र ने मोतिहारी सर्किट हाउस को नीलाम करने का आदेश दिया है. उक्त आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश के आलोक में दिया है.
नीलामी से आनेवाली राशि बेतिया राज प्रबंधन को मुआवजे के तौर पर दी जाएगी. राशि मूलधन पर 6 फीसद ब्याज के साथ राज को मिलेगी. इस सिलसिले में मोतिहारी स्थित प्रथम अवर न्यायाधीश श्रीप्रकाश मिश्र ने इजरायवाद संख्या-9/2008 में सुनवाई पूरी करते हुए सोमवार को आदेश पारित किया है. यह मामला 1967 से कोर्ट में चल रहा है. 1970 में बेतिया राज के पक्ष में डिग्री भी हुई थी. मामले में कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस भेज पक्ष रखने के लिए कहा, लेकिन सरकार की ओर से किसी ने जवाब नहीं दिया, तो कोर्ट ने सर्किट हाउस नीलाम करने का आदेश दिया है.
सर्किट हाउस नीलाम करने का उक्त आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश के आलोक में दिया है.मालूम हो कि बेतिया राज बिहार सरकार के बीच एलए केस नंबर 77/67 दायर हुआ. सुनवाई के बाद न्यायालय ने बेतिया राज के पक्ष में 2,58,446 रुपये की डिग्री छह प्रतिशत सूद सहित पारित किया, जो सर्वोच्च न्यायालय तक वैध माना गया. बेतिया राज ने उक्त डिग्री के निबटारे के लिए न्यायालय में इजराय वाद सं 9/08 के तहत 9,05,569 की राशि वसूली के लिए दाखिल किया. डिग्रीदार ने सर्किट हाऊस का खेसरा 99, 123, 125, 184, 185, 187, 189, रकबा चार एकड़ बीस डिसमिल नीलाम करने का निवेदन किया, जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए नीलाम करने का आदेश दिया है.इस प्रकार से सरकार के उदासीन रवैया के चलते मोतिहारी का सर्किट हाउस नीलामी के कगार पर पहूँच चुका है.
Comments are closed.