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नगर निकाय चुनाव से बढ़ा BJP का मनोबल, RJD-JDU को झटका.

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सिटी पोस्ट लाइव :अगर बिहार में हुए नगर निकाय के चुनाव परिणाम से आगामी लोक सभा और विधान सभा चुनाव के भविष्य को जोड़कर देखा जाए तो महागठबंधन की चुनौती बढनेवाली है.बिहार उपचुनाव के बाद नगर निकाय चुनाव हुए हैं. नगर निकाय चुनाव भले ही पार्टियां नहीं लड़ती हैं लेकिन जब पर्दे के पीछे से समर्थन का जो खेल चलता है, उसे पार्टियों की साख से ही जोड़ा जाता है. उपचुनाव की तरह नगर निकाय चुनाव में भी राजद-जेडीयू समर्थित प्रत्याशियों का मुकाबला बीजेपी से था. यहां भी बीजेपी का पलड़ा भारी देखने को मिला.

शुक्रवार को मतगणना के दौरान चुनाव के नतीजे आने शुरू होने के साथ बीजेपी कार्यालय में भी खुशी देखी गई.पटना नगर निगम में सीता साहू ने मजहबी को पराजित किया, तो डिप्टी मेयर पद पर रेशमी चंद्रवंशी विजई हुई. बीजेपी के नेताओं का दावा है कि नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में जिन 17 नगर निगमों में मेयर और डिप्टी मेयर के पदों पर चुनाव हुए, उनमें से आधे से अधिक जगहों पर बीजेपी समर्थकों का दबदबा रहा. महागठबंधन का दावा है कि कई क्षेत्रों में उसके कार्यकर्ताओं की भी जीत हुई है.

बिहार के 17 नगर निगमों में छह पर बीजेपी और 6 पर ही महागठबंधन समर्थित उम्मीदवार की जीत हुई है. इनमें बीजेपी समर्थित पटना में सीता साहू, मुजफ्फरपुर में निर्मला देवी, भागलपुर में डॉ. वसुंधरा लाल, कटिहार में उषा देवी अग्रवाल, आरा से इंदु देवी, छपरा से राखी गुप्ता शामिल हैं। जबकि महागठबंधन समर्थित 6 प्रत्याशी में गया के प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान, पूर्णिया की विभा कुमारी, मोतिहारी की प्रीति गुप्ता, मुंगेर की कुमकुम देवी और बेगूसराय की पिंकी देवी शामिल हैं। मतलब राजद, जेडीयू समर्थित उम्मीदवारों ने मिलकर चुनाव लड़ा फिर भी केवल छह प्रत्याशी ही महापौर बन पाए, जबकि बीजेपी ने अकेले दम पर अपने छह प्रत्याशियों को महापौर बनवा दिया.

RJD के नेता इस चुनाव को दल से जोड़कर देखने को सही नहीं मान रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी के अनुसार राज्य में नगर निकाय चुनाव राजनीतिक दल की तर्ज पर नहीं हुए और किसी उम्मीदवार की जीत को किसी राजनीतिक दल की जीत घोषित नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह चुनाव स्वतंत्र रूप से लडे़ गए और यह प्रत्याशियों की जीत है.लेकिन बीजेपी नेताओं का कहना है कि विधानसभा उपचुनाव परिणाम से ही यह संकेत मिल गए थे कि बिहार के लोग महागठबंधन को नकार चुके हैं, नगर निकाय चुनाव ने इस संकेत पर मुहर लगा दी. आज नगर निकाय चुनाव में जीते प्रत्याशी बीजेपी के कार्यकर्ता हैं.इस चुनाव में 23 जिलों में 11,127 उम्मीदवारों का राजनीतिक भविष्य दांव पर लगा था. 28 दिसंबर को 23 जिलों में 135 नगर निकायों में 1529 वार्डों समेत 1665 पदों के लिए चुनाव हुए थे.

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