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17 साल की तीस्ता शांडिल्य तीन दिन के संघर्ष के बाद हार गईं मौत से जंग

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17 साल की तीस्ता शांडिल्य तीन दिन के संघर्ष के बाद हार गईं मौत से जंग

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की उभरती लोक गायिका तीस्ता शांडिल्य आख़िरकार मौत से जंग हार गईं. तीस्ता ने पटना एम्स में मंगलवार की शाम करीब साढ़े सात बजे दम तोड़ा. तीस्ता एक्यूट सेप्टेसेमिया नामक रोग से पीड़ित थीं. अपनी सुरीली आवाज से तीस्ता ने बहुत कम समय में बाबू वीर कुंवर सिंह की गाथा गाकर सुर्खिया बटोरी थी. तीस्ता के निधन से कला और साहित्य जगत में शोक की लहर है .

 

तीस्ता शांडिल्य  को भोजपुरी लोकगाथा और लोकनाट्य का सबसे चमकदार उभरता सितारा माना जाता था. अपनी गायिकी से पहचान बनाने वाली तीस्ता के निधन की खबर से लोग शोकाकुल हो गये. बता दें  तीस्ता पिछले तीन दिनों से पटना एम्स में वेंटिलेटर पर थी. एम्स के चिकित्सकों ने तीस्ता को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन नहीं बचा सकी. उसकी मदद के लिये भोजपुरी कला जगत की कई हस्तियां भी सामने आयी थीं. लोक गायिका शारदा सिन्हा ने भी तीस्ता के जल्द ठीक होने की कामना की थी.

 

बता दें एक्यूट सेप्टेसेमिया वह खतरनाक बीमारी है जिसमे किसी इंसान के शरीर में ब्लड इन्फेक्टेड हो जाता है. खून में इन्फेक्शन बढ़ने के बाद ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है. खून जहर बनने लगता है.मानव शरीर का अंग काम करना बंद कर देता है. सोशल मीडिया पर भी लोग तीस्ता के निधन पर शोक संवेदना प्रकट कर रहे हैं. तीस्ता के निधन की खबर सुन हर कोई स्तब्ध रह गया है.  हर कोई दुख प्रकट कर रहा है. पद्मश्री भोजपुरी गायिका शारदा सिन्हा ने कहा कि- “बिहार ने एक उभरती गायिका को खो दिया. इसकी भरपाई नहीं हो सकती है. भगवान उनके परिजनों को दुख सहने की शक्ति दे.” वहीँ सांसद पप्पू यादव ने भी तीस्ता के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि -“हमें गम है कि हमलोग बिटिया को बचा नहीं सके.”

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