बिहार बोर्ड की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है, कभी टॉपर घोटाला तो कभी प्रश्नपत्र लीक हो जाना। जानें कौन सी विपत्ति बिहार बोर्ड पर गिरी है जो खत्म ही नहीं हो रही। ताजा मामला बिहार बोर्ड के मैट्रिक और इंटर के ओएमआर सीट को लेकर पैदा हुआ है। बोर्ड ने जनकारी दी है कि तकरीबन 1 लाख से अधिक छात्रों ने ओएमआर सीट को भरने में गड़बड़ी की है। जिसका खामियाजा बिहार बोर्ड को उठाना पर रहा है। इस मुश्किल से निकलने के लिए बोर्ड ने 46 लोगों की टीम बनाई है, जो गलतियां ठीक करने में जुटी है। बिहार बोर्ड का कहना है कि कई छात्रों ने तो ओएमआर सीट में कई कॉलम भरे ही नहीं, जिससे ओएमआर सकैनिंग मशीन पढ नहीं पा रही। आपको बता दें कि इंटर और मैट्रिक का मूल्यांकन लगभग समाप्त हो चुका है और स्कैनिंग का काम चल रहा है। स्कैन करने वाली एजेंसी अब बोर्ड को ओएमआर वापस कर रही है। सोंचने वाली बात तो ये है कि आखिर ये समस्या पैदा क्यों हुई? क्या परीक्षा देने आए छात्रों को ओएमआर भरना गर्डिंग कर रहे शिक्षकों ने नहीं बताया। शिक्षकों के काम में ये भी एक हिस्सा है, जब ओएमआर सीट भरी जाए तो उसे चेक करते हैं। लेकिन ऐसा शायद नहीं किया गया। अब इस चूक से न जाने कितने बच्चों का भविष्य अधर में पर सकता है।
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