पटना पुलिस विद्रोह : बर्खास्त महिला सिपाहियों ने की महिला आयोग से अपील
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में सिपाही विद्रोह मामले में सरकार द्वारा बर्खास्त किये गए 167 से ज्यादा पुलिसकर्मी चुपचाप बैठने वाले नहीं हैं. अब इस मामले को लेकर महिला सिपाहियों ने आयोग का दरवाजा खटखटाया है. सविता पाठक की मौत के बाद पीछले हफ्ते पटना पुलिस लाइन में सिपाहियों ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया था. एसपी से लेकर डीएसपी सबको दौड़ा दौड़ा कर पिटा था.इस मामले में सरकार ने 167 से ज्यादा कर्मियों को बर्खास्त कार दिया है.अब इस बर्खास्तगी को चुनौती देना सिपाहियों ने शुरू कर दिया है.
पीछले सप्ताह शुक्रवार को पटना के उद्यन अस्पताल में कांस्टेबल सविता पाठक की मौत डेंगू से हो गई थी. इसके बाद से ही पटना में सिपाही विद्रोह भड़क गया. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 167 पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है. इनमें ज्यादातर महिलाएं हैं. अब इस मामले को लेकर बर्खास्त पुलिस कर्मियों ने आयोंग का दरवाजा खटख्टाया हैं. इन सिपाहियों का कहना है कि उनकी बर्खास्तगी गलत है. वही अपनी बर्खास्तगी से आक्रोशित महिलाओं को महिला आयोग की ओर से भी भरोषा मिला है. आयोग अध्यक्ष ने सभी सिपाहियों को भरोसा दिलाया है कि इस मामले में आयोग उनकी अवाज उठाएगा. वही आयोग ने इस मामले में डीजीपी से मुलाकात करने और इसपर फिर से विचार करने का आश्वासन भी सिपाहियों को दिया.
उधर सविता पाठक की मौत को लेकर ट्रैफिक एसपी ने कहा है कि उनकी बीमारी के बारे में उन्हे कोई जानकारी नही थी. उन्होंने कहा कि किसी अन्य अधिकारी और मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी.वहीं उन्होंने कहा कि इससे पहले जब भी उन्होंने छूट्टी मांगी है उन्हे छूट्टी मिली है.
गौरतलब है कि शुक्रवार की सुबह उस समय अचानक हंगामा मच गया, जब उदयन अस्पताल में ट्रेनी महिला पुलिसकर्मी की मौत हो गयी. उनके सहकर्मियों का आरोप है कि महिला पुलिसकर्मी अपने इलाज के लिए छुट्टी मांग रही थी. लेकिन उन्हें छुट्टी नहीं दी जा रही थी. आज उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. महिला पुलिसकर्मी की मौत की खबर सुनकर उनके साथियों ने आपा खो दिया. पुलिस लाइन में मौजूद तमाम ट्रेनी पुलिसकर्मी जमकर तोड़फोड़ कर की. वे सब पुलिस लाइन के बाहर भी तोड़फोड़ की थीऔर वहां पहुंचे अधिकारियों की पिटाई कर दी थी..
Comments are closed.