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झारखंड की जड़ी बूटियों से ठीक हो सकता है चिकनगुनिया के बाद हो रहे जोड़ों का दर्द : डॉ सुरेश अग्रवाल

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झारखंड की जड़ी बूटियों से ठीक हो सकता है चिकनगुनिया के बाद हो रहे जोड़ों का दर्द : डॉ सुरेश अग्रवाल

रांची : झारखंड के वनोषधियों से चिकनगुनिया बुखार के बाद होने वाले जोड़ों के दर्द को खत्म किया जा सकता है। अमृता पारिवारिक स्वास्थ्य केंद्र के न्यूरो सर्जन डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ने शनिवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों के साथ बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजधानी रांची में पिछले दिनों चिकनगुनिया बीमारी का प्रकोप था। शहर के लगभग सभी इलाके इससे प्रभावित थे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस पर काबू पा लिया गया है। लेकिन चिकनगुनिया के बाद लोगों में जोड़ों का दर्द अभी भी है। इन जोड़ों के दर्द को ठीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन जोड़ों के दर्द के निराकरण के लिए क्वाथ बनाया गया है। इसके लिए उन्होंने कई चीजों पर रिसर्च किया। साथ ही जड़ी बुटी को इकट‌्ठा कर उससे एक औषधि बनायी जो बहुत ही कारगर साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि इस औषधि को बनाने के लिए अमृता, श्योनाख, पिप्पली, पिप्पालामूल, यष्टिमधु, नागरमोथा, चित्रक, सोंठ, कंटकारी, बृहती, गोखरू, शालपर्णी, पृष्पर्णी, हरसिंगार, बला और गोकुलकांटा से इसका दवा तैयार कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि चिकनगुनिया एक वायरल संक्रमण है। इसके लक्षण फीवर, ज्वाइंट पेन, थकावट आदि होते हैं। बुखार के दौरान 90 प्रतिशत दर्द रहता है। उन्होंने कहा कि 16 जड़ी बूटियों के मिश्रण से बना दवा इसमें ज्यादा कारगर साबित हो रहा है। इससे क्वाथ हर्बल टी तैयार करके इसे पिया जाता है। इससे काफी फायदा पहुंचता है। उन्होंने कहा कि चिकनगुनिया बुखार के दौरान एंटीवाइटिक दवा नुकसान करता है। ऐसे में जड़ी बूटियां इस बीमारी में ज्यादा कारगर साबित होती हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध किया है कि इसका एक सर्वे कराया जाये, ताकि ऐसे पीड़ितों की पहचान हो सके और वह पूरी तरह ठीक हो सकें। इस अवसर पर विजय भाष्कर, प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।

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