चतरा : फर्जी तरीके से जमीन खरीद-बिक्री मामले में बड़ी कार्रवाई
सिटी पोस्ट लाइव : चतरा के उपायुक्त जितेंद्र कुमार सिंह ने फर्जी तरीके से जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। उपायुक्त के आदेश के बाद चतरा सदर अंचल कार्यालय के कर्मचारी अरुण कुमार साह को निलंबित कर दिया गया है। रजिस्टर- 2 में छेड़छाड़ के आरोप में कर्मचारी अरुण कुमार साह को निलंबित किया गया है। इस मामले में सदर अंचल अधिकारी से भी स्पष्टीकरण पूछा गया है, जबकि अवर निबंधक राजेश सिन्हा के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। इस फजीवाड़े मामले में जिला प्रशासन की ओर से जमीन की खरीद-बिक्री में शामिल भू-माफियाओं के खिलाफ भी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है और संबंधित पक्षों को भी नोटिस भेजा है।चतरा के उपायुक्त ने यह कार्रवाई सदर अनुमंडल पदाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर की है। एसडीओ ने उपायुक्त को सौंपी रिपोर्ट में यह जानकारी दी थी कि चतरा मौजा के थाना-175 के पंजी-2 के पृष्ठ संख्या 161/1 में दर्ज रकबा में छेड़छाड़ की गयी है। एसडीओ ने बताया कि पंजी-2 हल्का का कार्यालय दस्तावेज है, जिसकी संरक्षा की जिम्मेवारी राजस्व कर्मचारी के जिम्मे होती है। रिपोर्ट के अनुसार रकबा में छेड़छाड़ के बाद जाली कागजातों के आधार पर निबंधन कराया गया, निबंधन के समय कार्यालय कर्मचारियों और अवर निबंधक को ऑनलाइन खतियान पंजी-2 आदि की जांच पड़ताल कर विक्रेता और गवाहों से सत्यापन करा कर निबंधन करना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं पंजी-2 के रकबा में छेड़छाड़ और पुनः उसे संशोधित अंचलाधिकारी के डीएससी से किया गया,इससे स्पष्ट होता है कि अंचलाधिकारी द्वारा लापरवाही बरती गयी है।
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एसडीओ द्वारा कहा गया है कि निबंधन अधिनियम 1908 की धारा 83 के अधीन निबंधन पदाधिकारियो के कपटपूर्ण प्रतिरूपण एवं जाली-गलत कागजात के आधार पर निबंधन करवाने वालों के विरूद्ध अभियोग दायर करने की शक्ति प्रदत्त की गयी है, इस कपटपूर्ण निबंधन के मामले में निबंधन पदाधिकारी संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करेंगे और टिप्पणी के आलोक में कपटपूर्ण निबंधन को रद्द किया जाना है। एसडीओ ने बताया कि प्रथम दृष्टया राजस्व कर्मचारी द्वारा पंजी-2 में जानबूझ कर छेड़छाड़ किया गया और अंचल अधिकारी द्वारा पंजी 2 में ऑनलाइन के मध्यम से 76 डिसमिल जमीन को पुनः 46.5 डिसमिल किया गया। एसडीओ ने इस मामले में संबंधित राजस्व कर्मचारी के विरूद्ध आरोप पत्र प्रपत्र ‘क’ गठित करने और निलंबित करने की अनुशंसा की थी। वहीं बिक्री की गयी जमीन का निबंधन रद्द करने और इस मामले में शामिल विक्रेता और पहचानकर्त्ता के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की सिफिरश भ की गयी है। साथ ही डीड राइटर की अनुज्ञप्ति को भी रद्द करने की अनुशंसा की गयी है।
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