City Post Live
NEWS 24x7

चीफ जस्टिस की निगरानी में हाईकोर्ट निर्माण की अनियमितता की हो सीबीआई जांच : बाबूलाल

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

चीफ जस्टिस की निगरानी में हाईकोर्ट निर्माण की अनियमितता की हो सीबीआई जांच : बाबूलाल

सिटी पोस्ट लाइव, रांची : पूर्व मुख्यमंत्री सह झाविमो अध्यक्ष बाबुलाल मरांडी ने सकरकार पर कई आरोप लगाए उन्होंने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट निर्माण कार्य में एक बड़े घोटाले की बू आ रही है। इस निर्माण कार्य में सरकार के बड़ें अधिकारियों की मिलीभगत से भारी वितीय अनियमितता बरती गयी है। राज्य सरकार की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़ें हो रहे हैं। वर्ष 2016 में जब कंपनी को इसका टेंडर मिला था तब इसका इस्टीमेट 265 करोड़ का था, दो वर्षो में 434 करोड़ बढ़ाकर इसका इस्टीमेट 699 करोड़ कर दिया गया है। यानि ढ़ाई गुणा से भी अधिक की वृद्धि। दिलचस्प बात है कि इस्टीमेट बढ़ाने के दौरान किसी प्रकार की स्वीकृति तक लेना आवश्यक नहीं समझा गया और तो और बिना टेंडर के ही पहले वाले ठेकेदार को ही यह काम दे दिया गया। इस निर्माण कार्य में नियमों की घोर अनदेखी की गयी है। बताया जा रहा है कि योजना की तकनीकी अनुमोदन ही गलत है। मामला चूंकि हाईकोर्ट निर्माण में वितीय गड़बड़ी से जुड़ा हुआ है इसलिए हम माननीय चीफ जस्टिस से आग्रह करते हैं वे इस मामले में स्वतः संज्ञान लें और अपनी निगरानी में इसकी सी0बी0आई0 जांच करवायें। ताकि मामले की सारी हकीकत सामने आ सके। जब राजधानी मुख्यालय में हाईकोर्ट के निर्माण कार्य में यह खेल खेलने का दुःस्साहस अधिकारी कर सकते हैं तो फिर दूसरे जगहों पर नियमों की धज्जियां किस प्रकार उड़ाती होगी, समझा जा सकता है।

सरकार की जांच आईवाश के सिवा और कुछ नहीं :-

मुख्यमंत्री द्वारा मामले की उच्चस्तरीय कमेटी से जांच कराने का आदेश आईवाश के सिवा कुछ नहीं है। जब सरकार को लगा कि अब इसे छुपाना मुश्किल होगा तब आनन-फानन में जांच के लिए कमेटी बनाकर राज्य सरकार अपना दामन साफ दिखाने की असफल कोशिश में जुट गयी है। विकास आयुक्त डी0 के0 तिवारी की अध्यक्षता में गठित छह सदस्यीय कमेटी ने अपनी जांच में इस निर्माण कार्य में बड़ी वितीय गड़बड़ियां होने की बात कहते हुए कई गंभीर सवाल भी जरूर खड़ें किये हैं परंतु इसमें बड़ी मछलियों की गर्दन नहीं फंसने वाली है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने नियमों की जिस प्रकार अनदेखी की है, उससे स्पष्ट है कि इसमें राज्य के कई बड़े अधिकारियों की गर्दन फंसनी तय है। संभावना क्या यह पूरी तरह स्पष्ट दिख रहा है और जांच रिपोर्ट भी कुछ ऐसा ही इशारा कर रहा है कि बड़े अधिकारियों के गुनाहों का बोझ छोटे अधिकारी पर डालकर सरकार मामले की लीपापोती कर देगी। सरकार की नीयत इस मामले में ठीक नहीं है, एक-दो छोटे कनीय अधिकारी पर गाज गिराकर जांच पूरी दिखाने की उनकी मंशा दिख रही है जबकि इस गड़बड़ी में कई बड़ें अधिकारियों की भूमिका है। इसलिए हम चीफ जस्टिस से पुनः आग्रह करते हैं कि वे अपनी निगरानी में इसकी सीबीआई जांच करवायें ताकि सभी दोषियों को सजा मिल सके।

                                                                                                                                            –  रांची से सूरज कुमार की खबर

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.