#citypostlive जाले : रतनपुर गांव में गुरूवार को अखिल भारतीय हनुमान आराधना मंडल की ओर से संजय सिंह के आवासीय परिसर में आयोजित हनुमान अरधाना महोत्सव के ज्ञान सत्र को संबोधित करते हुए ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. अमरेन्द्र प्रकाश चौबे ने कहा कि जब संसार पतन के कगार पर पहुंच जाता है और दुष्टों से बचने का कोई उपाय नहीं बचता है, तब भगवान स्वयं अलग-अलग रूपों में अवतार लेते हैं तथा दुष्टों का संहार कर सज्जनो के कष्टों का निवारण करते हैं। मानस में सज्जनों के तीन लक्षण बताए गए हैं। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है कि सज्ज्जन दूसरे को फलता फूलता देखकर फूलेनहीं समाते। श्री चौबे ने कहा कि अंजनी पुत्र हनुमान जगत के पालक हैं। उन्होंने कहा कि कलियुग में हनुमानजी का नाम का स्मरण और जाप जगत से पार उतरने का सबसे बड़ा विकल्प है। महोत्सव में मुख्य व्यास अमरेन्द्र प्रकाश चौधरी के संचालन में विधि-विधान के साथ सुंदर कांड का परायण किया गया। इसमें व्यास द्वितीय नवीन कुमार चौधरी सहित संजय चौबे, इंडेश्वर चौधरी, बलिरम तिवारी आदि कलाकार शामिल हुए।
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