#citypostlive दरभंगा : बिरौल-गंडौल सड़क यातायात के लिए चालू हो जाने से इस क्षेत्र में रह रहे लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं है। दरभंगा के सुदूर पूर्वी भाग में अवस्थित यह भू-भाग मुख्य रूप से बाढ़ और जल-जमाव के लिए जाना जाता है। इतना ही नहीं आजादी के बाद भी अबतक इस क्षेत्र में विकास की किरण नहीं पहुंची थी। यहां यातायात के नाम पर बरसात में नाव और सुखाड़ में घोड़े की सवारी लोग करते थे। अगर कोई बीमार पड़ा, तो खटिया के सहारे ही बिरौल तक ईलाज कराने के लिए पहुंचे थे। ऐसी बात नहीं है कि इस क्षेत्र में विधायक नहीं हुआ करते थे, बल्कि विधायक इतने सक्षम नहीं थे कि इस पथ निर्माण करा सकते, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर जब पड़ी, तो दो भागों में विभक्त सहरसा और दरभंगा एक हो गया। बल्कि सहरसा से पटना की दूरी भी घट गई। दरभंगा एवं सहरसा की दूरी भी अब 42 कि.मी हो गई। इस सड़क का सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होगा और इससे किसानों की आय बढ़ेगी और आर्थिक रूप से किसान सुदृढ़ होंगे। घोषित समय के अंदर इस रोड के चालू हो जाने से यह बात साबित हो गया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मिथिला के विकास के लिए सिर्फ कहते ही नहीं है, बल्कि वे कर के दिखा देते हैं। स्थानीय लोग, तो इस सड़क के निर्माण को सपना ही समझते थे और जब आज उनका सपना पूरा हुआ, तो इस इलाके में खुशी सबों के चेहरे पर साफ दिखाई पर रही
थी। इस इलाके लिए आज एक और तोहफा मिला जिसके तहत हाटी चौक से पिपड़ा घाट तक सड़क निर्माण की स्वीकृति मिल गई, जो पिपड़ा घाट से सिंहिया एसएच से जुडेÞगी।
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