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चील-कबूतरों की उड़ान देखकर बना था हवाई जहाज : डॉ. विद्यानाथ

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#citypostlive दरभंगा : बायोमिमेटिक एक नई उभरती हुई वह तकनीक है। जिसमें प्रकृति में उपस्थित विभिन्न तंत्रों का अध्ययन विशेष रूप से मानव समाज की सुविधा के लिए उसकी प्रतिकृति निर्माण करने के लिए किया जाता है। उक्त बातें एमएलएसएम कॉलेज के प्रधानाचार्य एवं वनस्पतिशास्त्र के विद्वान डॉ. विद्यानाथ झा ने गुरुवार को सीएम साइंस कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा एकेडमिक इन्हांसमेंट प्रोग्राम के तहत ‘ बायोमिमेटिक: ए बेसिस आॅफ रिसेंट साइंटिफिक डेवलपमेंट’ विषय पर आयोजित आधार व्याख्यान में कही। विषय के संदर्भ में उदाहरण सहित अपने विचार रखते हुए उन्होंने बताया कि हवाई जहाज का आविष्कार राइट बंधुओं ने चील और कबूतरों की उड़ान का अध्ययन कर किया था, जबकि छोटी सी मकड़ी द्वारा बुनी गई। मजबूत जाल को देखकर वैज्ञानिकों के मन में बायो स्टील के निर्माण का विचार आया और इसके आधार पर बुलेट प्रूफ जैकेट का निर्माण संभव हो सका। उन्होंने कहा कि इसी तरह कमल की पत्तियों पर मोती की तरह चमकती हुई पानी की बूंदे भी कई आविष्कारों की जननी है। व्याख्यान की अध्यक्षता सीएम साइंस कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. प्रेम कुमार प्रसाद ने की। अपने संबोधन में उन्होंने बहुत ही रोचक तरीके से विषय वस्तु का परिचय कराते हुए व्याख्यान में छात्र-छात्राओं की भारी उपस्थिति पर संतोष जताया। अतिथियों का स्वागत विभागाध्यक्ष डॉ. संध्या झा ने किया जबकि दिलीप कुमार झा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुनीला दास के द्वारा किया गया। इस मौके पर डॉ. रजी अहमद, डॉ. हरिश्चंद्र झा, डॉ. सुजीत कुमार झा, डॉ. अजय मिश्र, के.के सिन्हा, शिवशंकर चौधरी, प्रभात कुमार, डॉ. अजय कुमार ठाकुर, प्रवीण कुमार झा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के आयोजन में विभाग की छात्र-छात्राओं जया सिंह, आफरीन, रोहिणी, लक्ष्मी, ओशीनरी, नीतीश, रोशन, भवानी, नेहा सिद्दीकी, शुभम आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई।

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