#citypostlive दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में सीनेट की बैठक संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कुलाधिपति लालजी टंडन के प्रतिनिधि के रूप में कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह ने किया। जबकि संचालन कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने किया। बैठक में विश्वविद्यालय द्वारा पेश किये गये 40 प्रस्तावों को स्वीकृति दे दी गई। अलग-अलग प्रस्ताव अलग-अलग सदस्यों ने रखा। आज की बैठक में सबसे चिलचस्प पहलु रहा कि सभी वक्ताओं ने कुलपति के अभिभाषण का स्वागत और समर्थन किया, लेकिन भाषण में मुद्दे पर विरोध भी जताया। कुलपति प्रो. सिंह ने अपने अभिभाषण में एक तरफ मिथिला की भूमि और यहां कि ज्ञान की चर्चा की और कहा कि माता जानकी की इस पावन जन्म भूमि मिथिला चिंतन, ज्ञान और यज्ञ की त्रिवेणी है। उन्होंने विद्यापति, वाचस्वपति, मंडन मिश्र, भारती, नागार्जुन, फनिश्वरनाथ रेणु की चर्चा भी अपने अभिभाषण में की और कहा कि महामहीम कुलाधिपति के निर्देशन में यह विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि मैने शिक्षार्थियों को उच्च कोटी का शिक्षण और शोध उपलब्ध कराने का मै हरसंभव प्रयास किया है और करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में स्रातक व स्रातकोत्तर वर्गों के सत्र नियािमत हो गये हैं। इस मामले में राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों से हम काफी आगे निकल चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमने विश्वविद्यालय की अकादमिक गुणवत्ता संबर्धन एवं संरक्षण के लिए अकादमिक एवं प्रशासनिक अंकेक्षण आरंभ कर दिया है। वहीं शिक्षकों एवं कर्मचारियों की कमी का हमने समाधान कर लिया है। आउट सोर्स कर्मचारियों के संविदा पर नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय मुख्यालय का रोस्टर बन गया है। कॉलेजों में रोस्टर बनाने की प्रक्रिया जारी है। बैठक में प्रतिकुलपति जयगोपाल ने वितीय वर्ष 2019-20 का बजट सदन में प्रस्तुत किया। इस बार आतंरिक स्रोत से होने वाली आय का सामंजन के पश्चात 13 अरब, 30 करोड़, 26 लाख, 71 हजार, 951 रूपये की समेकित व्यय की मांग बजट के माध्यम से राज्य सरकार से की है। बजट में जो आतंरिक स्रोत से 1 अरब, 10 करोड़, 72 लाख, 75 हजार, 712 रूपये के अनुमान लगाया गया है।
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