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गया के लोगों को गंगा जल की जगह मिल रहा गंदा जल.

जिस मोहल्ले में सीएम-डिप्टी सीएम ने पानी पिया था, अब वहां भी नहीं पहुंच रहा है शुद्ध जल.

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सिटी पोस्ट लाइव :गया के लोगों को गंगा जल पिलाने की बिहार सरकार की योजना खटाई में पड़ गई है. 28 नवंबर 2022 को यहां 4500 करोड़ रुपए की हर घर गंगा योजना का शुभारंभ सीएम नीतीश कुमार ने किया था. उन्होंने ऐलान किया था कि अब से गया और बोधगया में हर घर को गंगाजल मिलेगा. लेकिन सच्चाई आज ये है कि पाइप पहुंच तो गया है लेकिन उसमें पानी नहीं आ रहा है.. कई घरों में गंगाजल की जगह गंदा जल पहुंच रहा है. गौरतलब है कि गया के जिस रामसागर सरोवर इलाके के दो घरों में जाकर सीएम और डिप्टी सीएम ने गंगाजल पिया था, उसके ठीक सामने के नल में गंदा पानी आ रहा है. वहां के लोग नल में कपड़ा बांध कर पानी छानने को मजबूर हैं.

रामसागर सरोवर ईलाके में पानी तो सुबह-शाम आता है लेकिन गंगाजल आता है इस बात पर लोगों को यकीं नहीं क्योंकि दोनों पानी के स्वाद में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं है. यहां के पानी की गंदगी का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं इस पानी को कपड़ा से छाने नहीं लिया जा सकता है.समिर तकिया मोहल्ले में हर घर के आगे ब्लू रंग की पाइप जरूर लगी हुई है लेकिन अभी तक उसमें कनेक्शन नही हुआ है. चांद चौराह के दंडीबाग में पानी का जो मुख्य कनेक्शन है चांदचौराह में उसे कनेक्ट ही नहीं किया गया है. जब वहां से पानी जुड़ा ही नहीं है तो मोहल्ले में पानी आएगा कैसे.

इस योजना के तहत गया के 53 वार्डों और बोधगया के 19 वार्डों के 83,485 घरों में सुबह-शाम तीन घंटे तक गंगा जल पहुंचाने का लक्ष्य है. योजना के शुभारम्भ के एक महीना बीत जाने के बाद भी अभी तक गया के लगभग 35 हजार घरों में गंगा जल नहीं पहुंच पाया है. लगभग 2.5 लाख से ज्यादा की आबादी इस योजना से दूर है. अधिकारियों के मुताबिक अभी तक पहले फेज का ही काम पूरा नहीं हो पाया है. पहले फेज का काम पूरा होने के बाद दूसरे फेज का काम कंप्लीट किया जाएगा.

गया में वाटर सप्लाई के लिए ब्रह्मयोणी में 6 टैंक, सिंहारा स्थान में 2 टैंक के अलावा रामशिला हिल्स, मूरली हिल्स, आजाद पार्क में कुल 10 टैंक बनाए गए हैं. यहीं से पूरे गया को पानी सप्लाई की जाती है. लेकिन वुडकों के अधिकारी की मांने तो अभी भी 10 में से मात्र 6 टैंक में ही गंगाजल की सप्लाई हो रही है. बाकी के 4 टैंक को अभी भी फल्गु के पानी को बोरिंग से भरा जा रहा है. पूरी तरह गंगाजल की आपूर्ति क्यों नहीं हो पा रही है. इस सवाल का जबाब अधिकारियों के पास नहीं है.

मोकामा से गंगा का पानी गया में सबसे पहले न्यू अवगीला स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचता है. इसके मेंटेनेंस की जिम्मेदारी अगले 5 साल तक के लिए मेधा इंजीनियरिंग को दी गई है. उनके कोई भी अधिकारी ऑन रिकॉर्ड कुछ भी बोलने से इंकार करते हैं.उनके अनुसार यहां रोज 186 मिलियन लीटर पानी को प्यूरीफाई कर वुडको के टैंक तक पहुंचाया जा रहा है. सप्लाई की जिम्मेदारी वुडको की है.बुडको के सहायक अभियंता ज्योति प्रकाश का कहना है कि 60% इलाका कवर किया जा रहा है. न्यू और पुराने पाइप से पानी पहुंचाने का काम हो रहा है. बाकी बचे घरों तक जनवरी तक काम पूरा हो जाने की उम्मीद है.

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