सिटीपोस्टलाईव : 64 लाख रुपये की पूंजी लगाकर पटना की 3 एकड़ जमीन जिसका बाजार मूल्य 94 करोड़ रुपये से अधिक है के मालिक तेजस्वी कैसे बन गए ? क्या रेलवे के 2 होटलों को लीज पर देने की एवज में हर्ष कोचर की कम्पनी से तीन एकड़ जमीन पटना में प्रेमचन्द गुप्ता की डिलाइट मार्केटिंग के नाम से बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर नहीं लिखवा ली गई थी ?ये सारे सवाल एकबार फिर से उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी यादव से पूछा है.उन्होंने कहा कि तेजस्वी और राबड़ी देबी बिहार की जनता को केवल इतना ही बता दें कि मात्र 64 लाख रुपये की पूंजी लगाकर 94 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत वाली जमीं के मालिक कैसे बन गए ?
मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव सीबीआई की पूछताछ के बाद तिलमिला गए हैं. सीबीआई से पहले अगर बिहार की जनता को वह केवल एक सवाल का जवाब दे दिए रहते कि 28 साल की उम्र में बिना किसी नौकरी-व्यवसाय के पटना की 3 एकड़ जमीन जिस पर 750 करोड़ का उनका मॉल बन रहा था, के मालिक कैसे बन गए तो उन्हें उपमुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं गंवानी पड़ती.मोदी ने कहा कि आखिर प्रेमचन्द गुप्ता ने अपनी करोड़ों की जमीन और पूरी कम्पनी (डिलाइट मार्केटिंग) राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को क्यों सौंप दिया ? 2014 में 85 प्रतिशत शेयर राबड़ी देवी और 15 प्रतिशत शेयर का स्वामित्व तेजस्वी यादव ने कैसे हासिल कर कम्पनी और करोड़ों की जमीन के मालिक बन गए ? मोदी ने कहा कि कोचर बंधु को 2004-05 में रेलवे के रांची और पूरी के दो होटल देने के एवज में अगर उसी समय लालू प्रसाद अपने परिवार के नाम जमीन लिखवाते तो तुरन्त भंडा फूट जाता, इसलिए उन्होंने अपने विश्वस्त प्रेम चन्द गुप्ता की कम्पनी को माध्यम बनाया ताकि भविष्य में उनसे जमीन वापस ले सके.मोदी ने कहा कि डिलाइट कम्पनी के पूराने डायरेक्टर्स को 2014 में हटा कर तेज प्रताप, तेजस्वी, राबड़ी देवी, चन्दा यादव और रागिनी लालू 2014-16 के बीच इस कम्पनी के डायरेक्टर्स बन गए .
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