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RJD के SC-ST विधायकों से जीतनराम मांझी की अपील-तेजस्वी के बहकावे में न आयें.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधान सभा चुनाव में महागठबंधन का क्या स्वरूप होगा अभीतक पता नहीं चल पा रहा है.चुनाव से पहले घटक दलों के नेता तेजस्वी यादव से आर-पार के मूड में हैं.पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने ओबीसी विधायकों-नेताओं से तेजस्वी यादव के बहकावे में नहीं आने की अपील की है. मांझी ने राजद के SC-ST विधायकों से अपील की है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (से०) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि माननीय मंत्री श्याम रजक एवं माननीय विधायक ललन पासवान के द्वारा एससी/ एसटी विधायकों की बैठक बुलाकर सर्वसम्मति से एससी/ एसटी आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा का गठन एक ऐतिहासिक घटनाक्रम है.

मांझी ने कहा कि इस मोर्चा के माध्यम से हम सबों ने एससी /एसटी के लिए निजी क्षेत्रों में आरक्षण, प्रमोशन में आरक्षण, न्यायालयों में आरक्षण एवं अखिल भारतीय न्यायिक सेवा आयोग का गठन के लिए आवाज उठाने का संकल्प लिया है.इसको लेकर एससी/ एसटी विधायकों का समन्वय समिति का गठन किया गया है.मोर्चा का बाइलॉज तैयार किया जा रहा है. संघर्ष का काम राज्य स्तर पर ही नहीं, देश स्तर पर भी चलाने का संकल्प लिया गया है.

मांझी ने कहा कि दिनांक 4 जून 2020 को मोर्चा के पटना में मेरे सरकारी  आवास पर आहूत बैठक से राजद के सभी माननीय sc-st विधायकों का अलग हो जाना मोर्चे की लड़ाई में खलल पहुंचाने का प्रयास के रूप में देखा जा रहा है जिससे देश के दलितों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है.देश के दलित-आदिवासी भाईयों,बहनों को लगने लगा था कि हमेशा से हर मुद्दों का नेतृत्व करने वाला बिहार हमारे लिए भी लड़ाई लड़ेगा पर कुछ लोगों के बहकावे या आपसी मतभेदों के कारण अब यह लड़ाई कमजोर पड़ती दिखाई दे रही है.

माँझी ने कहा कि मैंने तो अपने जीवन का हर क्षण देख लिया है पर आज देश में हमारे दलित/आदिवासियों की स्थिति के लिए अब संघर्ष की ज़रूरत है जिसके लिए हमें एकजुट होकर लड़ना होगा,अपने प्राण की अहूती देने तक के लिए तैयार रहना होगा.ये मोर्चा किसी व्यक्ति विशेष के लिए ना होकर समाज हित के लिए बनाया गया है जिसका स्पष्ट उद्देश्य रहा है कि दलगत एवं जातिगत भावनाओं से ऊपर उठकर एससी/ एसटी के आरक्षण के हित में सम्मिलित प्रयास किया जाए.विगत 20 वर्षों की राजनीतिक घटनाक्रम में या इससे पहले भी एससी/ एसटी के आरक्षण एवं अन्य संबंधित मुद्दों को उठाने का कोई सार्थक प्रयास नहीं हो सका था.अब जब प्रयास करने का कवायद चल रहा है, तब फिर पार्टी के आधार पर एवं नेता के आधार पर इस प्रकार से अलग कर लेना एससी/ एसटी का आरक्षण के विरुद्ध देखा जा सकता है.

मांझी ने कहा कि मैं मोर्चा की ओर से अपील करता हूं कि सभी इच्छा से एससी/ एसटी के कल्याणार्थ संघर्ष में सभी एससी-एसटी विधायक दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर एससी /एसटी का आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में सहयोग करें.

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