City Post Live
NEWS 24x7

बिहार के केसरिया में हो रहा विराट और भव्य रामायण मंदिर निर्माण.

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के पूर्पी चंपारण (East Champaran) जिले के केसरिया में प्रदेश के सबसे बड़े रामायण मंदिर (Ramayan Temple) का निर्माण हो रहा है.चंपारण के केसरिया में बनने वाला यह रामायण मंदिर 270 फीट ऊंचा, 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा.इस विराट रामायण मंदिर का इस तरह से निर्माण कराया जा रहा है जिससे कि यह कई सौ साल तक चले. जिस तकनीक से यह मंदिर बन रही है उसके मुताबिक यह लगभग ढाई सौ साल तक टिकाऊ रहेगी.

100 एकड़ में बन रहा विराट रामायण मंदिर, राम जानकी मार्ग में अवस्थित पूर्वी चंपारण के केसरिया के निकट निर्माणाधीन विराट रामायण मंदिर 100 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है. अयोध्या से जनकपुर तक स्वीकृत राम-जानकी मार्ग मंदिर को स्पर्श कर गुजर रहा है. बिहार की सीमा में दो लेन के पूर्व प्रस्तावित धार्मिक महत्व की इस सड़क को पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन के अनुरोध पर केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में फोर लेन किए जाने की स्वीकृति दी है.विराट रामायण मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो रहा है. दिल्ली में नये संसद भवन का निर्माण पूरा होने के बाद विशेष तकनीक के अनुभवी कारीगरों और अभियंताओं की टीम पूर्वी चंपारण में विराट रामायण मंदिर के निर्माण में जुटेगी.

प्रदेश के सबसे बड़े रामायण मंदिर के निर्माण के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) के पूर्व महानिदेशक विनीत जायसवाल को मुख्य परामर्शी बनाया गया है जिनकी देख रेख में इस मंदिर का निर्माण होगा. महावीर मंदिर न्यास द्वारा केसरिया के पास निर्माणाधीन विराट रामायण मंदिर 250 वर्ष से ज्यादा समय तक टिके इसके लिए मंदिर के स्ट्रक्चरल डिजाइन में विशेष बदलाव किए जा रहे हैं.पूर्व केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के सर्वोच्च पद से हाल ही में सेवानिवृत्त (रिटायर्ड) हुए विनीत जायसवाल नए संसद भवन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे.

केंद्रीय लोक निर्माण द्वारा ही नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है जिसका स्ट्रक्चरल डिजाइन न्यूनतम 250 वर्ष की आयु के अनुसार तैयार किया गया है. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के पूर्व डीजी विनीत कुमार जायसवाल के परामर्श के अनुसार नए संसद के तर्ज पर विराट रामायण मंदिर के स्ट्रक्चरल डिजाइन में आवश्यक बदलाव किये जा रहे हैं.पटना के महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि पूर्व में विराट रामायण मंदिर का स्ट्रक्चरल डिजाइन न्यूनतम 100 साल की मजबूती के हिसाब से तैयार किया गया था. लोहा, सीमेंट और टफेन्ड ग्लास से पूरा मंदिर बनना था. अब विशेष किस्म के स्टील का इस्तेमाल मंदिर निर्माण में होगा. अभी मंदिर के बाहरी परिसर का काम चल रहा है. मुख्य मंदिर के निर्माण की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.