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मकर संक्रांति को लेकर सजा तिलकुट का बाजार.

पटना में 70 से अधिक जगहों पर बन रहा तिलकुट, चीनी से ज्यादा गुड़ से बने तिलकुट की डिमांड.

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सिटी पोस्ट लाइव : मकर संक्रांति को लेकर दही चुरा भोज की तैयारियां जोरशोर से जारी हैं. पटना के तिलकुट दुकानों में कारीगर पूरे दिन काम कर रहे हैं.मकर संक्रांति को लेकर इस बार पटना में मीठापुर, राजेंद्र नगर, कंकड़बाग, कदमकुआं, चौक, चैलीटाड़, बाकरगंज के साथ पटना में करीब 70 से अधिक जगहों पर तिलकुट बन रहा है. दुकानदारों ने बताया कि तिलकुट बनाने के लिए सफेद तिल कानपुर, डाल्टेनगंज और गुजरात की उंझा मंडी से मंगाया जाता है. काला तिल गुवाहाटी और सिलीगुड़ी से आता है.

पटना का बाकरगंज का नटराज गली में तिलकुट का बड़ा बाज़ार है.यहाँ कई दशकों से तिलकुट बनाया जा रहा है. मकर संक्रांति के दिन तिलकुट खाने का विधान है. सर्द मौसम आते ही इसकी मांग बढ़ जाती है.मकर संक्रांति के दिन सामान कम ना पड़ जाए इसलिए ज्यादा मात्रा में स्टॉक तैयार किया जा रहा है.नटराज गली के तिलकुट व्यापारियों का कहना है कि यहाँ 70 साल से तिलकुट का व्यवसाय चल रहा है.महंगाई का सर तिलकुट की कीमत पर भी पड़ा है.तिलकुट 600 रुपए किलो के भाव से बिक रहा है.

तिलकुट को बनाने की प्रक्रिया बहुत कठिन है. करीब 10 मिनट तक तिलकुट को कुटा जाता है फिर वह खाने के लिए तैयार होता है.कई सालों के बाद इस बार तिलकुट की बिक्री बढ़ गई है .दिन रात लगातार तिलकुट बनाया जा रहा है.हैं ताकि स्टॉक की कमी ना हो.इसबार राजनीतिक गलियारों से भी तिलकुट की मांग ज्यादा है.पटना के बोरिंग रोड भी कई दुकानों में तिलकुट तैयार किया जा रहा है. अलग अलग वेराइटी की तिलकुट बाजार में उपलब्ध है. जैसे की तिलकुट पीठा, पापड़ी, टिकरी, पराठा, कटोरी, खोवा, किशमिश व खोवा मिश्रित के तिलकुट के साथ तिल के लड्डू. चीनी के साथ गुड़ और खजूर गुड़ वाले तिलकुट की मांग बहुत होती है. इस बार बाजार में चीनी की जगह गुड़ से बने तिलकुट की अब ज्यादा मांग हो रही है.

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