सिटी पोस्ट लाइव( आचार्य शिवदत त्रिपाठी ): आज 30 जुलाई सावन का पहला सोमवार है.आज लाखों भक्त बाबा भोलेनाथ पर जल चढाने के लिए शिवालयों में सुबह से ही पहुंचे हुए हैं. देवघर से लेकर हर शहर के शिव मंदिरों में आज शिव भक्तों की लम्बी कतार लगी हुई है. महादेव को सावन का महीन बहुत प्रिय होता है. सावन के दिनों में भगवान शंकर की पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है.भगवान् शिव की पूजा कब कैसे कर आप मनवांछित फल पा सकते हैं ,बता रहे हैं आचार्य शिवदत्त त्रिपाठी.
भोले बाबा को बेल पत्र बहुत प्रिय होता है. इससे सावन के महीने में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से हर तरह की मनोकामना पूरी होती है. इसके अलावा भगवान शिव को शमी के पत्ते पसंद होते हैं. सावन के हर दिन शिवलिंग पर शमी के पत्ते जरूर चढ़ाएं.सावन के महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से पहले सूर्य देव को जल चढ़ाएं. इसके बाद शिवमंदिर जाकर तांबे के पात्र में गंगाजल में सफेद चंदन मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाए.शिवजी को धतूरा भी काफी पसंद होता है. इसलिए शिवजी की कृपा पाने के लिए इसे जरूर चढ़ाएं. सावन के महीने में वैसे तो दूध चढ़ाने की परंपरा है. इसके अलावा शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से जीवन में सभी तरह की सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
पंडितों के अनुसार हल्दी का संबंध भगवान विष्णु और सौभाग्य से है इसलिए यह भगवान शिव को नहीं चढ़ता है.भगवान शिव पर कभी भी तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाना चाहिए. क्योंकि भगवान शिव ने तुलसी के पति असुर जलंघर का वध किया था.तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है.इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाना चाहिए.भगवान शिव को अक्षत यानी साबूत चावल अर्पित किए जाने के बारे में शास्त्रों में लिखा है.टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है इसलिए यह शिव जी को नही चढ़ता.कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक है. जबकि भगवान शिव वैरागी हैं. इसलिए शिव जी को कुमकुम नहीं चढ़ता.
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