मौनी अमावस्या: बक्सर पहुंचे नेपाली श्रद्धालु हो गए नाराज.
स्थानीय प्रशासन के व्यवस्थाओं पर सवाल, कहा कि उन्हें यहां पर किसी तरह का कोई सुविधा नहीं.
सिटी पोस्ट लाइव : आज मौनी अमावस्या है. शनिवार के दिन पड़ने वाली इस अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाता है. मौनी अमावास्या का त्योहार शनिवार को पूरे देश में मनाया जा रहा है. माघ मास की अमावस्या तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व के दिन स्नान व दान का विशेष महत्व होता है. इसको लेकर उत्तरी बिहार व नेपाल के कई जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का जत्था बक्सर पहुंचा है. सभी श्रद्धालु किला मैदान में ठहरे हुए हैं, जो शनिवार की अहले सुबह रामरेखा घाट पर गंगा स्नान कर दान करेंगे.
नेपाल व उतरी बिहार से आने वाले श्रद्धालुओं को कंवरथू भी कहा जाता है. मौनी अमावस्या के दिन यहां स्नान व दान करने के बाद उतरायणी गंगा का जल कांवर पर लेकर रवाना होंगे. मोतिहारी, बेतिया, रक्सौल, पश्चिमी चंपारण व नेपाल के वीरगंज व परसा जिला से पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि यहां के गंगाजल से वे अरेराज स्थित सुप्रसिद्ध शिव मंदिर में भगवान शंकर का जलाभिषेक करेंगे. उनका कहना था कि वे अमावस्या के अवसर पर प्रत्येक वर्ष बक्सर आते हैं. अमावस्या स्नान को आये श्रद्धालुओं ने स्थानीय प्रशासन के व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि उन्हें यहां पर किसी तरह का कोई व्यवस्था उपलब्ध नहीं कराया गया है. जबकि वे लोग अन्य तीर्थस्थलों पर जाते है तो वहां सभी बुनियादी सुविधाएं प्रशासन की ओर से मुहैया कराई जाती है.
श्रद्धालुओं ने कहा कि यहां न तो पेयजल और न ही शौचालय की व्यवस्था है. रात में लाईट की व्यवस्था है नहीं रहने से महिला श्रद्धालु असुरक्षित महसूस करती हैं. स्नानार्थियों ने कहा कि रेवटी की भी व्यवस्था नहीं है जिससे ठंड में रातभर वे लोग खुले में रहने को मजबूर है. ऐसे में नेपाली श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन से बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है.
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