उपेन्द्र कुशवाहा तो चाहते हैं NDA के साथ रहना लेकिन उनको कौन कर रहा मजबूर?
सिटी पोस्ट लाइव : उपेन्द्र कुशवाहा अपनी पार्टी का विस्तार कर उसमे कई बड़े कुशवाहा नेताओं को शामिल कराकर बुरे फंसे हैं. उनकी पार्टी में शामिल तमाम नेता लोक सभा चुनाव लड़ने के दावेदार हैं. पिछले चुनाव में कुशवाहा के पास जितने उम्मीदवार थे,उतनी सीटें उन्हें मिल गई थी. लेकिन इसबार पिछले साल से दो गुना ज्यादा दावेदार हैं और सीट घटकर तीन से हो गई है दो. उपेन्द्र कुशवाहा की परेशानी ये है कि लोक सभा चुनाव लड़ने के दावेदार नेताओं को अगर उपेन्द्र कुशवाहा चुनाव नहीं लड़ा पायेगें तो वो पार्टी छोड़ देगें.
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) में नंबर 2 की हैसियत रखने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि बारबार ये धमकी दे रहे हैं कि अगर एनडीए में छह सीटों से कम मिलेगा तो फिर उनके लिए विकल्प खुले हैं. वो आरजेडी के साथ बातचीत कर भी रहे हैं. नागमणि आरएलएसपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष हैं. वो बिहार में उसी कुशवाहा समाज से ही आते हैं जिससे उपेंद्र कुशवाहा हैं. वो बिहार के लेनिन कहे जाने वाले जगदेव प्रसाद के बेटे हैं. नीतीश कुमार के वापस एनडीए में शामिल होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा अपने आप को समाज के सबसे बड़े नेता के तौर पर स्थापित करना चाहते हैं. इसलिए उन्होंने कई कुशवाहा नेताओं को अपने पाले में किया है, जिनमें से नागमणि एक हैं.
नागमणि का तर्क है कि ‘जिसके पास ज्यादा वोट बैंक है, उसे ही ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए. कुशवाहा वोट 10 फीसदी है और कुर्मी वोट उसका एक चौथाई भी नहीं है.’ जाहिर है नागमणि का ईशारा नीतीश कुमार की तरफ है. दरअसल, नागमणि खुद चतरा से और अपनी पत्नी सुचित्रा सिन्हा को जहानाबाद से चुनाव लड़ाना चाहते हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री दसई चौधरी भी लोकसभा का टिकट चाहते हैं. पूर्व सांसद भूदेव चौधरी भी लोक सभा चुनाव लड़ने के दावेदार हैं. बिहार में मंत्री रहे रालोसपा के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष भगवान सिंह कुशवाहा भी प्रबल दावेदार हैं. आरएलएसपी के वर्तमान सांसद राम कुमार शर्मा का दावा तो सिटींग संसद होने के नाते बनता ही है.
जाहिर कुशवाहा की पार्टी में कम से कम 6 लोक सभा सीटों के दावेदार हैं. ऐसे में यदि कुशवाहा कम सीटों पर NDA के साथ समझौता करते हैं तो उनकी पार्टी में टूट हो सकती है.पार्टी सूत्रों के अनुसार उपेंद्र पर दबाव बढ़ रहा है कि वो ज्यादा सीटों वाले गठबंधन के साथ जाएं. आरएलएसपी के दो विधायकों के जेडीयू की तरफ जाने की खबरों से यह दबाव और भी बढ़ गया है. बताया जाता है कि इसीलिए उपेंद्र कुशवाहा ने लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव के साथ दिल्ली में सोमवार को मुलाकात की.
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