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मुकेश सहनी का छलका दर्द,बोले नौकरशाही बेलगाम,दे देंगे इस्तीफा.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा के बजट सत्र को लेकर एनडीए विधायक दल की बैठक हुई. सेंट्रल हॉल में आयोजित बैठक में एनडीए के सभी घटक दल के शीर्ष नेता और विधायक शामिल हुए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में एक बार फिर से जनप्रतिनिधियों का दर्द छलक उठा. बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए एनडीए विधायक दल की बैठक का आयोजन किया गया था. चर्चा बजट सत्र पर होनी थी, लेकिन चर्चा शुरू हो गई विधायकों की समस्याओं से. विकासशील इंसान पार्टी के नेता और बिहार सरकार के पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी सरकार के रवैया से इतने नाखुश थे कि उन्होंने भरी बैठक में ही इस्तीफे की पेशकश भी कर दी. उन्होंने कहा कि यदि दारोगा भी उनकी बातों को नहीं सुनेगा तो ऐसे में मंत्री रहने का क्या फायदा?

मुकेश साहनी ने कहा कि एनडीए में भी उनकी बात नहीं सुनी जाती. बोचहा से उनके पार्टी के विधायक का निधन हुआ था लिहाजा यह सीट वीआईपी को चुनाव लड़ने के लिए मिलनी चाहिए, लेकिन बीजेपी इस पर अपनी सहमति नहीं दे रहा है. मुकेश सहनी बैठक में इसी तरह के कई आरोप लगाए और अपनी बात कह बीच बैठक से ही निकल गए.एनडीए की बैठक में मुकेश साहनी के साथ-साथ जीतन राम मांझी के तेवर भी तल्ख थे. जीतन राम मांझी की नाराजगी इस बात को लेकर थी कि विधायकों को किसी भी सरकारी कार्यक्रम में पीछे में बिठाया जाता है और अधिकारियों को अगली पंक्ति में बिठाया जाता है, जबकि प्रोटोकॉल में विधायक डीजीपी और मुख्य सचिव से भी ऊपर आते हैं.

जीतन राम मांझी के साथ-साथ बीजेपी के कुछ विधायकों ने भी इस मामले को मजबूती के साथ बैठक में उठाया.बीजेपी के विधायक संजय सिंह ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की बात है अधिकारी सुनते नहीं है और कई बार उनका अपमान भी करते हैं.विधायकों की नाराजगी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीच-बचाव में आए और उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा कि विधायकों को किसी भी कार्यक्रम में पीछे बिठाया जाएगा और अधिकारियों को आगे जगह दी जाएगी. साथ ही साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी निर्देश दिया कि जनप्रतिनिधियों का अधिकारी सम्मान करें.

एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में महंगाई का मुद्दा भी उठाया गया. बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि डीजल और पेट्रोल के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है इसलिए विधायकों और विधान पार्षदों को मिलने वाले भत्ते में भी बढ़ोतरी की जाए. ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू के इस मांग का समर्थन वहां मौजूद एनडीए के अन्य विधायकों ने भी किया.

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