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JNU पहुंचे तेजस्वी यादव, छात्रसंघ चुनाव में जयंत जिज्ञासु होंगे RJD के प्रेसिडेंट कैंडिडेट

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सिटी पोस्ट लाइव : जेएनयू छात्र संघ चुनाव में पहली बार आरजेडी की एंट्री का रास्ता साफ़ हो गया है. आज JNU में छात्रों से संवाद करने पहुंचे तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार के खिलाफ आग उगलकर खूब तालियाँ बटोरी .अब तेजस्वी यादव  की पार्टी  अपना कैंडिडेट छात्र संघ के चुनाव उतारने जा रही है. गौरतलब है कि 14 सितंबर को जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव होना है. इस बार आरजेडी की तरफ से प्रेसिडेंट कैंडिडेट के तौर पर जयंत कुमार जिज्ञासु मैदान में होगें. तेजस्वी यादव ने उन्हें हरी झंडी भी दे दी है. गौरतलब है कि जयंत जिज्ञासु बिहार के खगड़िया जिले के रहने वाले हैं. JNU छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया के साथ विवादों के बाद वे CPI और AISF से इस्तीफा भी दे चुके हैं.

जयंत कुमार जिज्ञासु ने आईआईएमसी से पत्रकारिता में डिप्लोमा की डिग्री प्राप्त की है. फ़िलहाल जेएनयू वे पीएचडी कर रहे हैं. आरजेडी  ने JNU छात्रसंघ चुनाव में इन्हें प्रेसिडेंट कैंडिडेट के रूप में उतारने के लिए चुना है. जयंत जिज्ञासु पहले कन्हैया कुमार के साथ ही थे. लेकिन बाद में जयंत ने कन्हैया पर कई गंभीर आरोप लगाये थे. जयंत ने कहा था कि कन्हैया जातिवादी राजनीति, खुद को आगे बढ़ाने की कीमत पर संगठन और पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं.  उस वक्त जयंत संगठन के जेएनयू सचिव रहे थे. करीब तीन साल से सक्रिय रूप से एआईएसएफ से जुड़े थे. उन्होंने कन्हैया का साथ छोड़ने के दौरान यह भी कहा था कि वंचित तबके के लोगों को बंधुआ मजदूर समझ लिया गया है, झंडा कोई ढोता है, नेता कोई बनता है.

गौरतलब है  कि आज तेजस्वी यादव ने JNU में छात्रों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने जम कर मोदी सरकार पर हमला बोला. उन्होंने दलित छात्र रोहित वेमुला का मामला भी उठाया. तेजस्वी ने कहा कि रोहित वेमुला को इंसाफ दिलाना अब भी बांकी है. यूथ को पॉलिटिक्स में सक्रीय भूमिका तो निभाना ही पड़ेगा. माना जा रहा है कि तेजस्वी JNU में राष्ट्रीय जनता दल की पकड़ बनाना चाहते हैं. आज छात्रों ने उनके भाषण के दौरान खूब तालियाँ बजाईं .इस बार सभी वाम दल एक बार फिर साथ मिल कर ही छात्रसंघ का चुनाव लड़ेंगे. सबका एक ही मकसद है बीजेपी के छात्र संगठन ABVP को रोकना. जेएनयू छात्र संघ चुनाव में इस बार भी आईसा, एसएफआई समेत वाम छात्र संगठन गठबंधन बनाकर लड़ेंगे. माना जा रहा है कि इस बार एआईएसएफ भी वाम गठबंधन का हिस्सा बन सकता है जो पिछले साल इससे अलग अकेले लड़ा था.अब देखना ये है कि तेजस्वी यादव की जेएनयू पर छात्र राजनीति के जरिये तेजस्वी के कब्ज़ा की यह योजना क्या रंग लाती है.

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