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तेजस्वी यादव वर्चुअल चुनाव से इसलिए डरते हैं क्योंकि उन्हें पता नहीं उनके समर्थक सोशल मीडिया में ज्यादा एक्टिव हैं

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सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना संक्रमण के खतरे (Corona infection risk) के बीच  बिहार में विधानसभा का चुनाव  (Assembly election in Bihar)की तैयारी शुरू हो गई है. लेकिन तेजस्वी यादव इसके लिए अभी तैयार नहीं दिख रहे हैं. वो बीजेपी पर कोरोना संकट से बेपरवाह होकर चुनाव में व्यस्त होने का आरोप लगा रहे हैं. बिहार की तमाम सियासी पार्टियां अभी से ही चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. बीजेपी-जेडीयू (BJP-JDU) जैसी पार्टियां खुद को डिजिटली ट्रेंड भी कर रही हैं साथ में वर्चुअल रैलियां भी कर रही हैं. वहीं, आरजेडी (RJD) एक अकेली पार्टी है जो अक्टूबर में होनेवाले इस चुनाव को टालना चाहती है.

जब भी कोरोना काल में चुनाव को लेकर आरजेडी नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) से कोई सवाल किया जाता है तो अक्सर वे कोरोना संक्रमण का हवाला देकर आगामी विधानसभा चुनाव को टालने की बात करते हैं.आरजेडी के नेता भले ही विरोधियों को ये ताल ठोककर कहें कि उनके युवराज तेजस्वी किसी से डरते नहीं, लेकिन ये हकीकत है कि वे कोरोना काल में चुनाव नहीं चाहते हैं. उनकी दलील होती है कि समूचे देश भर में कोरोना का खतरा अब तक टला नहीं है और खासकर बिहार के लोग अब भी इस त्रासदी से त्राहिमाम हैं,  ऐसे में इतना जल्दी चुनाव कराना हरगिज सही नहीं है. अब सवाल ये है कि क्या वाकई तेजस्वी की दलील में कोई दम है या फिर तेजस्वी चुनाव में जाने से डरे हुए हैं और कोरोना का बहाना बना रहे हैं.

बीजेपी और जेडीयू का कहना है कि तेजस्वी और आरजेडी के पास न तो कोई मुद्दा है और न ही उनकी पार्टी के पास कोई विजन है, ऐसे में जनता के बीच आखिर तेजस्वी किस मुंह से वोट मांगने जाएंगे. साथ में उनकी पार्टी डिजिटली साक्षर भी नहीं है. ऐसे में कोरोना काल में चुनाव होने का मतलब है कि आरजेडी की लुटिया डूबनी तय है. सत्ताधारी दल के नेता RJD को  मुद्दाविहीन, दिशाविहीन पार्टी बता रहे हैं.उनका कहना है कि अनपढ़  नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी की पार्टी इस हाईटेक चुनाव का मुकाबला नहीं कर सकती. डिजिटल चुनाव तो दूर वर्चुअल रैली करना भी आरजेडी के लिए चांद पर पहुंचने जैसा ही है.

लेकिन RJD के प्रवक्ता प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ईन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहते हैं कि उनकी  पार्टी वर्चुअल नहीं एक्चुअल पर विश्वास करती है. एक्चुअल स्थिति ये है कि बिहार और समूचे देश भर में कोरोना का खतरा अब भी मंडरा रहा है. ऐसे में आरजेडी जैसी एक्चुअल पार्टी इस संक्रमण में पहले जनता को सुरक्षित रखना चाहती है. बीजेपी-जेडीयू की तरह नहीं जो सत्ता की लालच में बिहार की जनता को कोरोना की आग में झोंकना चाहते हैं.

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि तेजस्वी को छोड़कर पार्टी के अधिकांश नेता और कार्यकर्ता सोशल मीडिया फ्रेंडली नहीं हैं. साथ में आरजेडी के जो मूल वोटर्स हैं जिनके दम पर लालू यादव का लंबे समय से बिहार में दबदबा रहा है उन्हें भी डिजिटल और हाईटेक युग का ज्ञान नहीं है ऐसे में वर्चुअल रैली की कल्पना करना भी शायद बेमानी है. लेकिन सिटी पोस्ट लाइव ये मानता है कि तेजस्वी यादव के समर्थक सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा एक्टिव हैं जिसका अंदाजा तेजस्वी यादव को भी नहीं है.यू ट्यूब चैनल पर सबसे ज्यादा प्रतिक्रियाएं तेजस्वी यादव के समर्थक ही देते हैं.ये दीगर बात है कि उनके मनमाफिक खबर नहीं रहने पर अभद्र टिप्पणियां ज्यादा करते हैं.

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