राम मंदिर मध्यस्थता मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, सेवानिवृत जज की अध्यक्षता में पैनल गठित
सिटी पोस्ट लाइवः सुप्रीम कोर्ट अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद के सर्वमान्य समाधान के लिये इसे मध्यस्थता पैनल को सौंपने के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि अयोध्या विवाद में मध्यस्थता होगी। मध्यस्थता प्रक्रिया फैजाबाद में आयोजित की जाएगी। उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एफ एम कलीफुल्ला मामले में मध्यस्थता करने वाले पैनल के मुखिया होंगे इसमें श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू भी शामिल होंगे। इससे पहले भी अयोध्या मामले में इससे चार बार मध्यस्थता के प्रयास किए गए लेकिन असफल रहे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मध्यस्थता की कार्रवाई पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और इसकी मीडिया रिपोर्टिंग नहीं की जाएगी. कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस मामले में क्या प्रगति रही इसकी रिपोर्ट चार हफ्ते में दी जाए.
इसके साथ ही मध्यस्थता के लिए बातचीत फैजाबाद में होगी. इससे पहले बुधवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर फैसला सुरक्षित रख लिया था कि अयोध्या विवाद को मध्यस्थ के पास भेजा जा सकता है या नहीं. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने बुधवार को इस मुद्दे पर विभन्न पक्षों को सुना था. पीठ ने कहा था कि इस भूमि विवाद को मध्यस्थता के लिए सौंपने या नहीं सौंपने के बारे में बाद में आदेश दिया जायेगा. इस प्रकरण में निर्मोही अखाड़ा के अलावा अन्य हिन्दू संगठनों ने इस विवाद को मध्यस्थता के लिए भेजने के शीर्ष अदालत के सुझाव का विरोध किया था, जबकि मुस्लिम संगठनों ने इस विचार का समर्थन किया था.
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