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शाहनवाज हुसैन ने ली उर्दू में शपथ, पहली बार बने बिहार सरकार में मंत्री

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सिटी पोस्ट लाइव : भाजपा के बड़े नेताओं में से एक शाहनवाज हुसैन मंत्री बन गए हैं. उन्होंने आज राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली. शाहनवाज हुसैन ने सबसे पहले उर्दू में शपथ ली. इसके बाद श्रावण कुमार और अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. बता दें शाहनवाज हुसैन कभी अटल बिहारी वाजपेयी की कैबिनेट में शामिल होकर सबसे युवा मंत्री बनने का रिकार्ड बना चुके हैं. कुछ दिनों पहले ही इस बात से पर्दा उठ गया था कि शाहनवाज को नीतीश कैबिनेट में जगह जरुर मिलेगी. क्योंकि सुशील मोदी के राज्यसभा जाने के बाद विधानपरिषद की खली हुई सीट से परिषद का सदस्य बनाया गया. 

वहीं अब बिहार मंत्रिमंडल में जगह पाकर उनकी नई पारी की शुरुआत हुई है. अमूमन राजनीति की धारा प्रदेश से केंद्र की ओर बहती है लेकिन शाहनवाज के मामले में यह केंद्र से राज्‍य की ओर चली है. माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में एक भी मुस्लिम उम्‍मीदवार को टिकट न देने वाली भाजपा ने शाहनवाज को नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल कराकर दूर का लेकिन बड़ा दांव खेला है.

पटना और दिल्‍ली से पढ़ाई पूरी करने वाले शाहनवाज का सपना बचपन से राजनीति में आने का था. बचपन के इस सपने को पूरा करने के लिए शाहनवाज ने अपनी पूरी ताकत लगा दी. उन्‍होंने रेणु से लव मैरेज की. उनके दो बच्‍चे हैं. बताते हैं कि 1997 में एक कार्यक्रम के दौरान शाहनवाज का भाषण सुनकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि ये लड़का बहुत अच्‍छा बोलता है. यदि संसद में पहुंचा तो महत्‍वपूर्ण जिम्‍मेदारी निभा सकता है.

1998 के चुनाव में भाजपा ने उन्‍हें किशनगंज से राजद उम्‍मीदवार तस्‍लीमुद्दीन के खिलाफ उतारा। शाहनवाज वो चुनाव हार गए लेकिन करीब ढाई लाख वोट पाने से उनका हौसला बढ़ गया। 1999 में दोबारा हुए चुनाव में वह किशनगंज से सांसद बने। पहली बार संसद में पहुंचे और एनडीए की सरकार में राज्‍यमंत्री भी बन गए।

शाहनवाज को फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज, यूथ अफेयर, और स्पोर्ट्स जैसे विभाग मिले। 2001 में उन्हें कोयला मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया और सितंबर 2001 में नागरिक उड्डयन पोर्टफोलियो के साथ प्रोन्‍नति देते हुए उन्‍हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। वह भारत के सबसे कम उम्र के कैबिनेट मिनिस्टर बनने के साथ-साथ अटल सरकार का मुस्लिम चेहरा बन कर उभरे। 2003 से 2004 तक उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में कपड़ा मंत्रालय संभाला।

2004 के आम चुनाव में हार के बाद शाहनवाज 2006 में उपचुनाव में भागलपुर सीट से जीतकर दोबारा लोकसभा पहुंचे। 2009 में भागलपुर से शाहनवाज को एक बार फिर जीत मिली लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा। वह सिर्फ 4000 वोटों से चुनाव हार गए। इसके बाद शाहनवाज को 2019 के चुनाव में टिकट नहीं मिला, जिसके बाद ऐसा लगा की शायद शाहनवाज की जरुरत पार्टी को नहीं रही. लेकिन अब जब उन्हें नीतीश मंत्री मंडल में जगह मिली तो लगा रहा है कि शाहनवाज की जितनी एहमियत भाजपा में पहले थी, अब भी उतनी ही है.

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