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नीतीश के जातिगत जनगणना की मांग पर सच्चिदानंद सहमत, लेकिन कर रहे बड़ी डिमांड

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नीतीश के जातिगत जनगणना की मांग पर सच्चिदानंद सहमत, लेकिन कर रहे बड़ी डिमांड

सिटी पोस्ट लाइव : सोमवार को विधानसभा में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत जनगणना की मांग की. उन्होंने कहा कि मेरी जातिगत जनगणना की मांग लम्बे समय से है. अब जब एनपीआर की बात चली है तो मैं भी चाहता हूं कि जाति के आधार पर जनगणना की जानी चाहिए. बता दें इस बयान के बाद आज बीजेपी एमएलसी सच्चिदानंद राय ने कहा कि इस मांग का मै भी समर्थन करता हूं. लेकिन इसमें एक समस्या है, यदि जाति के आधार पर जनगणना हुई तो जिन जातियों की अधिक संख्या है या जिनकी कम है, उन दोनों में सरकारी लाभ लेने की होड़ मच जाएगी. इतना ही नहीं अपनी जनसंख्या बढाने के लिए वे ज्यादा बच्चे पैदा करेंगे. ऐसे में उन्हें मिलने वाली सरकारी सुविधाएं या सरकारी नौकरियों की मांग बढ़ेगी.

इसलिए जातिगत जनगणना में यह भी हो कि कौन सी जाति कितने बच्चे पैदा करते हैं? उनका ग्रोथ रेट क्या रहा है? क्या ग्रोथ रेट के हिसाब से वे टैक्स देते हैं? एक जाति टैक्स दे और दूसरी केवल फ़्री में खाए यह असंतुलन हो जाएगा? उन्होंने कहा कि इसके संतुलन के लिए क़ानून बने कि जो जाति जितना टैक्स देती है, उतना ही उसका लाभ उठाएगी. इतना ही नहीं पापुलेशन कण्ट्रोल करने का भी साथ में कानून बनें. ताकि सिर्फ एक परिवार के दो ही बच्चों को सरकारी सुविधा मिले. उन्‍होंने आरोप सीएम नीतीश पर आरोप लगाया कि इसकी मांग केवल वोट के लिए हो रही है. नीतीश कुमार हो या तेजस्वी यादव, दोनों की भाषा एक है. बीजेपी नेता ने स्‍पष्‍ट शब्‍दो में कहा कि जनसंख्या नियंत्रण क़ानून लागू हो और दो से ज़्यादा बच्चे पैदा करने पर तीसरे बच्चे को सरकारी सुविधा न मिले.

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