सिटी पोस्ट लाइव : निर्वाचन आयोग ने ये साफ़ कर दिया है कि बिहार में कोरोना संक्रमण के बीच विधानसभा चुनाव समय पर ही होगा. चुनाव आयोग ने संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों से चुनाव प्रचार को वर्चुअल तरीके या फिर डिजिटल कैंपेन के जरिए वोटरों से संपर्क किए जाने पर सुझाव मांगा था. आरजेडी ने अपना जबाब भेंज दिया है. आरजेडी के प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दिकी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को भेजे गए जबाब में डिजिटल कैंपेन को खारिज कर दिया है.
सिद्दिकी ने राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से कुल 13 बिंदुओं का जिक्र करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेजा है.इसमे कहा गया है कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए फिलहाल बिहार में चुनाव कराना आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.सर्वदलीय बैठक के दौरान RJD का जो स्टैंड पर था आज भी उसी पर कायम है. सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को बराबरी का अवसर मिले, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो इसके लिए चुनाव आयोग को कम करना चाहिए. आरजेडी की तरफ से कहा गया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए वर्चुअल चुनाव प्रचार अभियान का हम विरोध करते हैं. सिद्दिकी ने लिखा है कि प्लेटफॉर्म लेवल प्लेयिंग फील्ड को एक समान नहीं रहने देता है. प्रचार अगर परंपरागत तरीके से नहीं होते हैं तो संवाद सीमित हो जाता है जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.
चुनाव आयोग में वर्चुअल और डिजिटल कैंपेन को लेकर सभी राजनीतिक दलों से उनकी राय मांगी थी जिसकी मियाद आज यानी 31 जुलाई को खत्म हो रही है. आरजेडी ने 30 जुलाई को ही आयोग को इस बारे में विस्तार से जवाब दिया है. आरजेडी बिहार में कोरोना संक्रमण के आंकड़े डब्ल्यूएचओ की चेतावनी का जिक्र करते हुए कहा है कि अक्टूबर और नवंबर महीने में संक्रमण सबसे ऊंचे स्तर पर होगा. ऐसे में चुनाव आयोग को यह बताना चाहिए कि क्या बिहार में कोरोना की स्थिति भयावह है? अगर हां तो चुनाव कितना आवश्यक है? आरजेडी ने आयोग से पूछा है कि जिंदगी की कीमत पर बस रस्म अदायगी के लिए चुनाव कितना जरूरी है? अगर नहीं तो चुनाव पारंपरिक के तरीके से हो जैसा अब तक को होते आए हैं. लोगों की संपूर्ण भागीदारी निर्वाचको के साथ सतत संवाद पहले की तरह सुनिश्चित किया जाए.
सिद्दीकी ने अपने पत्र में आयोग से इस बात की अपेक्षा जताई है कि वह लोगों को भरोसा दिलाया और सुनिश्चित करें कि पूरी चुनाव प्रक्रिया कोरोना संक्रमण महाविस्फोट की एक घटना ना बन जाए. मतदान के दिन करोड़ों लोग घर से बाहर निकल कर मतदान करने जाते हैं और ऐसे में संक्रमण बढ़ने का डर होगा. अगर मतदान के दौरान मतदाता संक्रमित हो जाते हैं और उनके साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो क्या आयोग मतदाताओं का जीवन बीमा कराने के बारे में चिंतित है?
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