सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड कांग्रेस ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमणकाल में जब देशभर में आर्थिक गतिविधियां ठप्प रही, उस दौरान भी खुदरा महंगाई दर बढ़कर 6.09 फीसदी पर पहुंच जाना देश के लिए चिंताजनक और घातक है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता ने बुधवार को कहा कि मई महीने में भी खाद्य मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 7.87 हो गयी थी। लेकिन तब कोरोना संक्रमण की बात कह कर आंकड़े को जारी नहीं किया गया, जबकि पिछले साल जून में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर 3.18 फीसदी थी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा मुद्रास्फीति का यह आंकड़ा कोरोना वायरस महामारी के कारण पाबंदियों की वजह से सीमित संख्या में बाजारों से एकत्रित आंकड़ों पर आधारित है, जबकि पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी के कारण महंगाई में इस आंकड़े से कई गुणी अधिक बढ़ोत्तरी हुई है। लेकिन सरकार इस आंकड़े में भी हेरफेर करने में जुटी है।
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इससे पहले भी केंद्र सरकार ने अप्रैल और मई महीने का पूरा सीपीआई आंकड़ा जारी नहीं किया था। प्रवक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भी पिछले दिनों देशभर के प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों के साथ ऑनलाइन चर्चा के दौरान अर्थव्यवस्था की खास्ता हालात और महंगाई पर चर्चा की थी। लेकिन उस दौरान सरकार में बैठे लोगों ने इसका उपहास उड़ाया और खंडन किया, लेकिन अब धीरे-धीरे भारतीय अर्थव्यवस्था की दयनीय होती स्थिति सामने आने लगी है। एक ओर पेट्रोल-डीजल की कीमत में लगातार बढ़ोत्तरी से गरीब और निम्नवर्गीय परिवारों पर आर्थिक भार बढ़ता जा रहा है। वहीं दूसरी ओर आर्थिक पैकेज के नाम पर सरकार की ओर से ऐसे जरूरतमंद परिवारों को कर्ज लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जिससे आने वाले समय में लोगों की स्थिति और खराब होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संकट के इस वक्त लोगों को प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की जरूरत है। साथ ही महंगाई पर अंकुश के लिए ठोस कदम उठाये जाने की जरूरत है।
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