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रवीश कुमार का पोल खुल गया या फिर उनके विरोधियों का, जान लीजिये

एक सवाल करता विडियो हुआ वायरल, रवीश कुमार के लिए क्या 2013 में अच्छी थी 5% जीडीपी?

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रवीश कुमार का पोल खुल गया या फिर उनके विरोधियों का, जान लीजिये

सिटी पोस्ट लाइव : आज देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. लेकिन देश के किसी खबरिया चैनल पर मंदी पर बहस नहीं हो रही है. एंडीटीवी के पत्रकार रविश केवल मंदी पर चिंता जाता रहे हैं. और जब चिंता जतानेवाला अकेला हो तो वह सबके निशाने पर आ ही जाता है. रविश के साथ भी ऐसा ही हो रहा है. रवीश कुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस विडियो में यह दावा किया गया है कि ‘साल 2013 में जब भारत की जीडीपी दर पाँच फ़ीसदी तक गिर गई थी. देश में कांग्रेस की सरकार थी.लेकिन रविश कुमार ने इसे चिंता का विषय मानने से इनकार कर दिया था. जबकि 2019 में जीडीपी रेट पाँच फ़ीसदी होने पर वो भारत को मंदी की चपेट में बता रहे हैं.’

क़रीब 30 सेकेंड के इस वायरल वीडियो का आधा हिस्सा रवीश कुमार के 2013 के टीवी शो से लिया गया है जिसे उनके एक हालिया कार्यक्रम से जोड़कर, दोनों के बीच तुलना की गई है.पुराने वीडियो में रवीश कुमार को कहते हुए सुना जा सकता है कि “क्या हम अर्थव्यवस्था को लेकर ज़्यादा रोंदू तो नहीं हो रहे हैं? क्योंकि दुनिया में बहुत कम ही अर्थव्यवस्थाएं हैं जो 5 फ़ीसद की रफ़्तार से भी बढ़ रही हैं.वहीं हालिया वीडियो में वो कहते हैं, “भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में नहीं है. जीडीपी के आंकड़ों के अनुसार 5 प्रतिशत का रेट इस बात की पुष्टि करता है कि भारत की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ चुकी है.”

यह विडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है .लोग खूब कमेन्ट कर रहे हैं.कुछ लोग लिखते हैं- कथित तौर पर सत्ता विरोधी कहे जाने वाले पत्रकार रवीश कुमार का सच.कई बड़े फ़ेसबुक ग्रुप्स में इस वीडियो के आधार पर रवीश कुमार पर निशाना साधा जा रहा है. उन्हें कांग्रेस का दल्ला का नाम दिया जा रहा है. इस वीडियो को फ़िलीपीन्स की राजधानी मनीला में शुक्रवार को हुए रवीश कुमार के ‘रेमन मैग्सेसे पब्लिक लेक्चर’ से पहले वायरल किया गया.

गौरतलब है कि हाल ही में रवीश को साल 2019 का प्रतिष्ठित ‘रेमन मैग्सेसे पुरस्कार’ दिये जाने की घोषणा की गई थी. हिन्दी टीवी पत्रकारिता में विशेष योगदान के लिए 9 सितंबर 2019 को उन्हें यह सम्मान दिया जाएगा. आखिर रविश कुमार का यह विडियो सोशल मीडिया में किस मकसद से वायरल किया जा रहा है.सच्चाई जान लीजिये. सोशल मीडिया पर शेयर हो रहा रवीश कुमार से संबंधित वायरल वीडियो भ्रामक है.यह  एक बड़ी चर्चा का हिस्सा मात्र है जिसे ग़लत संदर्भों के साथ शेयर किया जा रहा है.

वायरल वीडियो में जिस पुराने वीडियो का इस्तेमाल किया गया है वो 27 फ़रवरी 2013 को प्रसारित हुए रवीश के टीवी शो का हिस्सा है.इस शो में भारत की ‘आर्थिक सर्वे रिपोर्ट 2012-13’ पर चर्चा की गई थी जो उसी दिन भारत के तात्कालिक वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संसद में पेश की थी.इस शो की शुरुआत रवीश ने यह कहते हुए की थी कि “वर्तमान काल में देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. भविष्य काल में ठीक होने का अनुमान है. भूतकाल से तुलना करने पर, यानी जब भारत 8 या 9 प्रतिशत की विकास दर से आगे जा रहा था, अर्थव्यवस्था का हर सूचकांक धीमी गति के समाचार की तरह प्रतीत हो रहा है.”वर्ष 2012-13 की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि उद्योग, खेती, विनिर्माण और सर्विस सेक्टर, सभी ढलान पर हैं.

मौजूदा समय में भारत के आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रह्मण्यम भी इस कार्यक्रम में शामिल थे जिनसे रवीश कुमार ने पूछा था कि क्या भारत के विकास की कहानी वाक़ई ख़त्म हो चुकी है और हम बाघ से बकरी पर आ गए हैं?इसके जवाब में वैश्विक मंदी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था का ज़िक्र करते हुए के सुब्रह्मण्यम ने कहा था, “वैश्विक मंदी की स्थिति इतनी भी ख़राब नहीं है कि भारत 5 प्रतिशत की दर से विकास करे. पिछले साल (2012-13) 27 देशों ने 7 प्रतिशत से ज़्यादा की विकास दर हासिल की थी. इसे देखते हुए सरकार को अपनी नीतियों पर चिंतन करना चाहिए.”

इस टीवी शो में कांग्रेस पार्टी की तरफ से संजय निरूपम ने शिरकत की थी जिनसे पूछा गया था कि देश के इन आर्थिक हालात की ज़िम्मेदारी कौन लेगा?इसके जवाब में निरूपम ने कहा था, “देश गंभीर आर्थिक हालात से गुज़र रहा है, इसमें कोई मतभेद नहीं है. लेकिन कई पश्चिमी देशों के मुक़ाबले भारत की विकास दर अभी भी काफ़ी बेहतर है.”वायरल वीडियो में तुलना के लिए इस्तेमाल किया गया रवीश का हालिया वीडियो 30 अगस्त 2019 को प्रसारित हुए उनके टीवी शो का एक हिस्सा है.इस शो की शुरुआत में जो बात रवीश कुमार कहते हैं, उसे ही वायरल वीडियो में जोड़ा गया है.

रविश शुरुवात में कहते हैं-“भारत की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में नहीं है. इसे छिपाने की तमाम कोशिशों के बीच आज जीडीपी के आंकड़ों ने ज़ख़्म को बाहर ला दिया. 6 साल में भारत की जीडीपी इस हद तक नीचे नहीं आई थी. 2013 की पहली तिमाही में भारत की विकास दर 4.3 प्रतिशत थी. उसके बाद इस साल की पहली तिमाही में जीडीपी सबसे कम दर्ज हुई है.शो में रवीश आगे कहते हैं- “पाँच प्रतिशत की जीडीपी इस बात की पुष्टि करती है कि भारत की अर्थव्यवस्था मंदी की चपेट में आ चुकी है. कृषि, खनन, कंस्ट्रक्शन, मैन्युफ़ेक्चरिंग और रियल एस्टेट की हालत बहुत ख़राब है. गौरतलब है कि 30 अगस्त को भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रह्मण्यम द्वारा भारत की जीडीपी का आधिकारिक डेटा जारी किये जाने के बाद रवीश कुमार ने यह शो किया था.

लेकिन सोशल मीडिया पर दो अलग शो, दो अलग संदर्भ में कही गई बातों को जोड़कर भ्रामक सूचना फैलाई जा रही है.झूठ को एक बड़ा सच बनाकर रविश कुमार पर निशाना साधा गया है. वैसे यह पहला वाकया नहीं है जब रवीश कुमार को फ़ेक न्यूज़ के आधार पर ट्रोल किया जा रहा है और सोशल मीडिया पर उनके बारे में इस तरह की बातें लिखी जा रही हैं.शुक्रवार को रेमन मैग्सेसे लेक्चर में बोलते हुए उन्होंने फ़ेक न्यूज़ का भी ज़िक्र किया और ट्रोल करने वालों का भी.उन्होंने कहा, “देशभर में मेरे नंबर को ट्रोल ने वायरल किया कि मुझे गाली दी जाए. गालियां आईं, धमकियां भी आईं. आ रही हैं, लेकिन उसी नंबर पर लोग भी आए. अपनी और इलाके की ख़बरों को लेकर. मैं उन बहुत से लोगों का ज़िक्र करना चाहता हूं, जिन्होंने पहले ट्रोल किया, गालियां दीं, मगर बाद में ख़ुद लिखकर मुझसे माफ़ी मांगी. जब रूलिंग पार्टी ने मेरे शो का बहिष्कार किया था, तब मेरे सारे रास्ते बंद हो गए थे. उस समय यही वे लोग थे, जिन्होंने अपनी समस्याओं से मेरे शो को भर दिया.”

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के बारे में रवीश कुमार का कहना है कि “आईटी सेल उनके पीछे कितनी मेहनत करता है. साढ़े पाँच साल की मेहनत के बाद भी उन्हें जब कुछ नहीं मिलता तो मेरे पुराने कार्यक्रम से एक दो लाइन निकाल कर ग़लत तरीक़े से पेश कर दिया. उनकी कोशिश होती है कि वे मुझे यूपीए सरकारपरस्त साबित कर सकें. सोचिए अगर उनका यही पैमाना है तो आज गोदी मीडिया के एंकरों के शो से तो उन्हें कितना मसाला मिलेगा. उन्हें अतीत में जाने की ज़रूरत नहीं है. इसी हफ़्ते का किसी गोदी न्यूज़ चैनल का कोई भी शो निकाल लें, सरकार के चाटुकार मिल जाएँगे. ज़ाहिर है उनका इरादा पत्रकारिता पर सवाल करना नहीं है बल्कि मुझे बदनाम करना है.”रवीश कुमार को इस बात का दुःख है कि जब भी उनसे जुड़ा कोई मौक़ा आता है, इस तरह का विडियो वायरल करा दिया जाता है. और अफ़सोस कि इन फर्जी वायरल विडियो के चक्कर में पत्रकार भी आ जाते हैं.

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